कोरोना काल में भी उत्साह बरकरार रहा; छत्री बाजार, दीनदयाल नगर और लोको पर पहले ही रावण दहन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। गली, मोहल्ले और कॉलोनियों में भी रावण के पुतले कम जलाए गए। लोको में रावण जलाने के स्थान पर नवदुर्गा के प्रसाद का वितरण किया गया।

ग्वालियर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधी): काेराेना संक्रमण की वजह से इस बार दशहरे पर रावण के पुतलाें का स्वरूप बदला-बदला नजर आया। सिर्फ थाटीपुर में रावण के 14 फीट के पुतले का दहन किया गया, यहां पिछले साल तक 30 से 40 फीट लंबे पुतले काे जलाया जाता था।
कोरोना की वजह से उन्हाेंने देवघर में शस्त्र पूजन किया और फिर जयविलास पैलेस में चुनिंदा लाेगाें की माैजूदगी में शमी पूजन किया। यहां पर सिंधिया राजघराने के सरदार और पारिवारिक सदस्य उपस्थित रहे। यहां पर बच्चों को उपहार वितरण सोमवार को किया जाएगा। उधर, राज्यसभा सांसद ज्याेतिरादित्य सिंधिया ने भी आमखो स्थित मांढरे की माता के पास पार्क में शमी पूजन नहीं किया।
कार्यक्रम में थाटीपुर मैदान दशहरा उत्सव समिति ने इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से न सिर्फ रावण का कद घटाया बल्कि कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग के तहत लोगों को खड़ा करने के साथ अतिथियों और संगठन के पदाधिकारियों के सिर्फ 30 कुर्सियां रखीं गयीं थीं।