मप्र में यह ग्रोथ 17 फीसदी हुई है। अक्टूबर 2019 में मप्र में जीएसटी कलेक्शन 2052 करोड़ रुपए हुआ था।
इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): अक्टूबर माह में जीएसटी कलेक्शन पूरे देश में आठ माह बाद एक लाख करोड़ के पार होकर 1.05 लाख करोड़ हुआ। यह अक्टूबर 2019 की तुलना में 10 फीसदी अधिक है।
अधिक टैक्स की एक बड़ी वजह देश की तरह ही यहां भी ऑटो सेक्टर, फार्मा सेक्टर और कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) में अधिक खरीदी-बिक्री रही है। इस बार अक्टूबर में 2403 करोड़ रुपए हुआ। यानी बीते साल से 351 करोड़ रुपए अधिक। प्रदेश के रजिस्टर्ड करीब 3.70 लाख कारोबारियों में से करीब दो लाख 85 हजार करदाताओं ने रिटर्न दाखिल कर दिए हैं, जिनसे यह टैक्स राशि जमा हुई है।
2403 करोड़ में से स्टेट जीएसटी और इंटर स्टेट जीएसटी 1734 करोड़ रुपए है। यह मप्र के खाते में आया है। वहीं बीते माह के लॉस कंपनसेशन की भी राशि प्रदेश को मिली है। जीएसटी में स्टेट जीएसटी, सेंट्रल जीएसटी और इंटर स्टेट जीएसटी तीन हिस्से होते हैं। इसमें स्टेट जीएसटी पूरा मप्र रखता है। इंटर स्टेट जीएसटी का सेटलमेंट केंद्र द्वारा दिया जाता है। सेंट्रल जीएसटी और सेस केंद्र को जाता है।
पिछले साल अक्टूबर में यह ढाई लाख किलो लीटर थी। यानी पिछले साल से भी 50 हजार किलो लीटर ज्यादा है। वहीं पेट्रोल की खपत भी दो लाख किलो लीटर प्रति माह हो गई है। पेट्रोल-डीजल की खपत से अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान लगता है। इस हिसाब से देखें तो मप्र में डीजल की खपत भी 50 हजार किलो लीटर प्रति माह बढ़ गई है। यह ढाई लाख किलो लीटर से बढ़कर तीन लाख किलो लीटर हो गई है।