आपको बता दें कि हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया है, ऐसे में जरूरी है कि हम अपनी डाइट में ऐसी चीजों का सेवन करें, जो हमारे फेफड़ों को साफ करें। आइए जानते हैं कि हम अपनी डाइट में किन चीजों को शामिल करें जिनसे हमारी बॉडी पर पॉल्यूशन का असर कम हो साथ ही हमारी इम्यून पावर भी बढ़े।

राष्ट्र आजकल (लाइफस्टाइल डेस्क): कोरोनावायरस और प्रदूषण की दोहरी मार ने लोगों की सांस फूला दी है। कोरोना के साथ ही जहरीली गैसे भी अब शरीर में प्रवेश करके हमें बीमार बना रही हैं। जिस हवा में हम सांस ले रहे हैं वो जहरीली है, उसमें ओज़ोन, नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, बारीक कण, डीज़ल से निकले कण मौजूद है। यह जहरीले कण हमारे फेफड़ों में बैठ जाते हैं और हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
विटामिन सी शरीर के लिए सबसे शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट है, जो फ्री रैडिकल की सफाई करता है। फेफड़ों में इसके पर्याप्त स्तर को बनाए रखने के लिए आप आंवला और अमरूद अपनी डाइट में शामिल करें। प्रदूषण से बचना है तो अपनी डाइट में विटामिन सी को शामिल करें।
सब्जियों को आप अपनी डाइट में शामिल करेंगे तो आपकी सेहत पर प्रदूषण का स्तर कम होगा। सब्जियां में धनिए के पत्ते, चौलाई का साग, ड्रमस्टिक, पार्सले, गोभी और शलजम का साग विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं।
रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ गुड़ खा सकते हैं या तिल गुड़ के लड्डू बनाकर खाएं। सांस से जुड़ी बीमारी से बचने के लिए फेफड़ों का हेल्दी होना ज़रूरी है। अपनी डाइट में गुड़ का सेवन करेंगे तो आपके फेफड़े साफ रहेंगे। गुड़ में मौजूद आयरन रक्त में ऑक्सीजन सप्लाई को सुचारू बनाए रखने में मदद करता है।
प्रदूषन से बचने के लिए विटामिन ई से युक्त चीजों का सेवन करें। बादाम, सूरजमुखी के बीज, नट, फिश का इस्तेमाल करें।
पत्तेदार सब्जियां जैसे चौलाई का साग, धनिया, मेथी, लेटस और पालक में प्रचूर मात्रा में बीटा कौरोटिन पाया जाता है। मूली के पत्ते और गाजर भी इसका अच्छा स्रोत हैं। प्रदूषण के असर को बीटा कैरोटिन कम करता है। आप अपनी डाइट में बीटा कैरोटिन के स्रोत वाली चीजों को शामिल करें।
स्टीम थेरेपी, फुमिगेशन, च्यवनप्राश का सेवन, डिटॉक्स चाय, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, कपालभांति प्राणायाम तथा भस्त्रीका प्राणायाम आदि के जरिए शरीर को एनर्जेटिक बनाकर प्रदूषण के असर से बचाया जा सकता है।
नाक में सुबह-शाम शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करें। इससे दूषित तत्व फेफड़ों तक नहीं पहुंचेंगे। दूषित हवा नाक के जरिए हमारी बॉडी में प्रवेश करती हैं इसलिए नाक को साफ रखें।