आधुनिक समय में डॉक्टर्स भी कई बीमारियों में योग करने की सलाह देते हैं। अगर आप भी हाइपरटेंशन के मरीज हैं और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो इन योगासनों को रोजाना जरूर करें। इससे आपको हाइपरटेंशन में बहुत आराम मिल सकता है। आइए जानते हैं-
राष्ट्र आजकल (लाइफस्टाइल डेस्क): Yogasan for Blood Pressure: खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान, नींद पूरी न लेना और तनाव की वजह से कई बीमारियां जन्म लेती हैं। इनमें एक उच्च रक्त चाप है। अंग्रेजी में इसे हाइपरटेंशन कहा जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी में दिल की धमनियों में रक्त संचरण बड़ी तेजी से होने लगता है। इस वजह से व्यक्ति को थकान, सीने में दर्द, सिर में तेज दर्द और सांस लेने मे तकलीफ आदि की समस्या होती है। इसका इलाज संभव है। अगर इलाज में लापरवाही बरतते हैं, तो यह खतरनाक साबित होता है। इसके लिए आप दवा के साथ योग का भी सहारा ले सकते हैं। प्राचीन समय से इसका यूज किया जाता रहा है।
इस योग से झुर्रियां भी गायब होती है। इस योग को लेग-अप द वॉल पोज भी कहा जाता है। इसके लिए दीवार के सहारे अपने पैरों को ऊपर करना होता है। इस मुद्रा को कुछ देर तक दोहराएं। ऐसा कहा जाता है कि सर्वांगासन के समय अपना ध्यान सांस पर केंद्रित करना चाहिए।
इसके लिए आप ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं और फिर लंबी सांसे लें और फिर सांस को रोकें। अपनी क्षमता अनुसार इस योग को करें। यह ध्यान आसन है, जिसमें ध्यान की मुद्रा में बैठकर अपने मन और मस्तिष्क को किसी बिंदु पर केंद्रित करना होता है। इस योग को करने से मानसिक तनाव दूर होता है और रक्त प्रवाह सही से होने लगता है।
इस मुद्रा में पैर आगे की ओर रहता है। जबकि शरीर और रीढ़ की हड्डी एक सीध में रहती है और हाथ ज़मीन पर रहता है। इसके बाद अपने शरीर के पिछले हिस्से को आगे की तरफ खींचे और पैरों पर टिकाने की कोशिश करें। समतल भूमि पर बैठकर अपने शरीर के पीछे वाले हिस्सों को आगे करना पश्चिमोत्तानासन है। इसके लिए समतल भूमि पर चटाई बिछा लें। अब चटाई पर दंडासन मुद्रा में बैठ जाएं।
इसके लिए अपने कमरे में जमीन पर दीवार के सहारे पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को दीवार पर टिका दें। इस दौरान आपका शरीर 90 डिग्री की मुद्रा में होना चाहिए। अपने हाथों को बगल में रखकर तकरीबन 15 मिनट तक गहरी सांस लें। इस योग को करने से मेटाबॉलिक गतिविधि में सक्रियता आती है और ग्रंथियां एवं हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद मिलती है। साथ ही इससे स्ट्रेस हार्मोन घटता है और दिमाग शांत होता है। तनाव मुख्य वजह है, जिसके चलते लोग हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं।