आपको बता दें की डिप्रेशन और चिंता का होना वास्तविक है, कुछ लोगों पर डिप्रेशन का असर इतना ज्यादा होता है कि उन्हें किसी चीज में दिलचस्पी नहीं रहती। लेकिन आप जानते हैं कि आप डिप्रेशन का इलाज खुद कर सकते हैं।

राष्ट्र आजकल (लाइफस्टाइल डेस्क): जिंदगी की मसरूफियत, बदलते हालात और आर्थिक तंगी लोगों में तनाव पैदा कर रही है। तनाव लोगों पर इतना हावी हो रहा है कि लोग परिवार और दोस्तों से भी दूरी बना लेते हैं।
एक्सरसाइज डिप्रेशन और चिंता को दूर करने का सबसे बेहतर उपाय है। एक्सरसाइज करने से ना सिर्फ तनाव कम होता है बल्कि दिमागी हालात भी बेहतर होते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक व्यस्को को सप्ताह में 150 मिनट से लेकर 300 मिनट तक एक्सरसाइज करना चाहिए। कुछ एक्सरसाइज ऐसी है जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करती है। इसलिए जरुरी है कि इन एक्सरसाइज को अपनी डेली रुटीन में शामिल करें ताकि आपको तनाव से मुक्ति मिल सके। आइए जानते हैं ऐसी कौन सी एक्सरसाइज है जिन्हें करके आप तनाव दूर कर सकते हैं।
2014 के एक अध्ययन के मुताबिक आप दिन में पांच मिनट तक दौड़ते हैं तो लंबी उम्र तक जी सकते हैं। 2006 में साइकियाट्री एंड न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित एक समीक्षा में, शोधकर्ताओं ने पाया है कि व्यायाम से अनिद्रा की समस्या दूर हो सकती है। हम सभी जानते हैं कि दौड़ने से शरीर तंदुरुस्त रहता हैं, लेकिन आप जानते हैं कि दौड़ने का जितना असर हमारे शरीर पर पड़ता है उतना ही असर हमारे दिमाग पर भी पड़ता है। आप दौड़ कर अपने शरीर से एक्सट्रा कैलोरी को बर्न कर सकते हैं, खाने के लालच को कम कर सकते हैं। इतना ही नहीं दौड़ने से दिल की बीमारी का खतरा भी नहीं रहता। दौड़ने से एक्सरसाइज के दौरान और एक्सरसाइज के बाद अच्छे-अच्छे न्यूरोट्रांसमीटर, सेरोटोनिन और नॉरपेनेफ्रिन में स्थायी परिवर्तन होते हैं।
व्यायाम करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यही कारण है कि लंबी दूरी तक पैदल चलने से भी स्ट्रेस दूर होता है। कहा जाता है कि कुदरती माहौल दिमाग को शांत करता है और अवसाद और चिंता से निजात दिलाता है।
पर्यावरणीय स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा में प्रकाशित 2009 के एक अध्ययन में, जापानी शोधकर्ताओं ने अध्ययन में शामिल लोगों को लंबी दूरी तक पैदल यात्रा के लिए भेजा। जिन लोगों ने 20 मिनट तक लंबी दूरी तक पैदल यात्रा की उनमें स्ट्रेस हार्मोन का स्तर कम था।
लैंडस्केप और अर्बन प्लानिंग जर्नल में 2015 के एक और अध्ययन में पाया गया कि जब वयस्क 50 मिनट तक कुदरती माहौल में रहने वाले युवाओं में चिंता और अवसाद का स्तर बहुत कम था। इतना ही नहीं उनकी याददाश्त में भी सुधार था।
प्रतिभागियों में अवसाद, चिंता और क्रोध के कम लक्षण दिखाई दिए। योग करने से ना सिर्फ आंतरिक मजबूती आती है बल्कि साँस भी ठीक रहता है। इतना ही नहीं योग मन को भी शांत रखता है। हम सभी जानते हैं कि एक्सरसाइज बॉडी दिमाग और आत्मा को तंदुरुस्त रखती है। 2007 में एविडेंस-बेस्ड कॉम्प्लिमेंट्री एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में, योग की कक्षाओं में जाने वाले सभी प्रतिभागियों में चिंता के स्तर में सुधार देखा गया।