वर्कआउट न करना और ज़रूरत से ज़्यादा कर लेना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए आज हम बात करेंगे कि एक व्यक्ति का कितनी देर वर्कआउट करना काफी माना जाता है।

राष्ट्र आजकल (लाइफस्टाइल डेस्क): वर्कआउट यानी व्यायाम हम सभी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है।
वर्कआउट आप कई तरीके से कर सकते हैं- जैसे जॉगिंग, दौड़, योग, डांस या फिर साइकलिंग। आप चाहे तो कोई भी एक्सरसाइज़ करें इससे आपकी मांसपेशियां मज़बूत होंगी और मूड में भी सुधार आएगा। रोज़ाना वर्कआउट न सिर्फ आपको मोटापे से बचाता है, बल्कि पाचन के साथ इम्यून सिस्टम को मज़बूती देता है और तनाव को भी दूर रखता है। इसमें तो कोई दो राय नहीं कि आप शरीर को जितना चलाएंगे उतने ही अच्छे प्रभाव देखेंगे।
रोज़ाना एक्सरसाइज़ करना आपकी सेहत के लिए जितना फायदेमंद हो सकता है, उतना ही अत्यधिक वर्कआउट करना नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए आइए जानें कि एक दिन में कितना वर्कआउट करना काफी होता है।
वर्कआउट कितना करना है ये ज़रूरत है हिसाब से तय किया जा सकता है। जैसे आपको कैसी फिज़ीक चाहिए, शरीर की बनावट कैसी है, आपकी उम्र और स्वास्थ्य। यह याद रखना ज़रूरी है कि थोड़ी बहुत एक्सरसाइज़ कुछ भी न करने से बेहतर है।
अगर आप काफी समय बाद या सालों बाद एक्सरसाइज़ शुरू करना चाह रहे हैं, तो थोड़े से शुरुआत करें। रिसर्च में पाया गया है कि हफ्ते में 30 से 45 मिनट की हल्की एक्सरसाइज़ या एक घंटे से डेढ़ घंटे की हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज़ हेल्थ के लिए काफी है।
लोगों को घंटों जिम में समय बिताने की ज़रूरत नहीं है। रोज़ाना आधे से एक घंटा वर्कआउट भी काफी होता है। अगर आपको लगता है कि जिम में कुछ घंटे पसीना बहाना आपके लिए काफी होगा, तो ये ज़रूरी नहीं है। हर किसी के शरीर की बनावट अलग होती है, शरीर की ज़रूरत भी अलग होती है, सभी को इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए। जो पेशे से ही खिलाड़ी या एथलीट हैं, उन्हें दिन में कई घंटे एक्सरसाइज़ करना चाहिए।
वहीं, जो लोग शारीरिक रूप से किसी तरह फिट नहीं हैं या किसी बीमारी से ग्रस्त हैं, उनके लिए स्तर अलग होता है। ऐसे लोगों को किसी एक्सपर्ट की सलाह या निगरानी में ही वर्कआउट करना चाहिए।