हड्डियों में फ्रैक्चर भी हो सकता है और कभी-कभी तो हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि गिरने की वजह से उनके टूटने का भी डर रहता है। ऐसा कूल्हों, कलाई और रीढ़ की हड्डी में ज्यादातर देखने को मिलता है। ऑस्टियोपोरोसिस का कारण सही मात्रा में कैल्सियम न लेना हो सकता है। साथ ही अन्य पोषक तत्वों की कमी भी हड्डी में कमजोरी का कारण बन सकती है। आइए जानते हैं हड्डियों को मजबूत बनाने के कुछ घरेलू उपायों के बारे में…

राष्ट्र आजकल (लाइफस्टाइल डेस्क): उम्र के साथ-साथ इंसान की हड्डियां भी कमजोर होती जाती हैं। उनमें वो मजबूती नहीं रह जाती कि लोग हर काम बड़ी आसानी से कर लें। कुछ मामलों में तो हड्डियां बेहद ही कमजोरी हो जाती हैं और इस स्थिति को ‘ऑस्टियोपोरोसिस’ कहा जाता है।
सेब को छिलका सहित खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। हर रोज एक सेब खाने से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या रूक सकती है। दरअसल, सेब में पोलीफेनोल्स और फ्लवोनोइड्स जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
आप रोजाना एक मुट्ठी भुने हुए सफेद तिल के बीज का सेवन कर सकते हैं। आप इसे गर्म दूध में भी डालकर पी सकते हैं। अपने आहार में तिल का बीज मिलाएं। यह ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है। दरअसल, तिल का बीज कैल्सियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों के लिए बेहद ही फायदेमंद हैं।
खाना खाने से पहले एक छोटी कटोरी अनानास का सेवन जरूर करें। आप रोजाना एक कप अनानास का जूस भी पी सकते हैं। इससे हड्डियों को मजबूती मिलती है। अनानास में मैंगनीज होता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करता है। दरअसल, शरीर में मैंगनीज की कमी से जोड़ों में दर्द और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
हालांकि ज्यादा मात्रा में मछली के तेल का सेवन भी शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए कम मात्रा में इसका सेवन करें। अगर आप मांसाहारी हैं तो मछली के तेल का सेवन कर सकते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, मछली के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड हड्डियों और मांसपेशियों को पहुंचने वाले नुकसान को कम करते हैं।