मौसम विज्ञानियों ने इस बार कड़ाके की सर्दी पड़ने की भी संभावना जताई है। वर्ष 1950 के पहले राजधानी में न्यूनतम तापमान दो डिग्री से नीचे भी चला जाता था।

भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): प्रदेश में तय समय से पहले ठंड की शुरुआत होने के संकेत मिल रहे हैं।
इसके प्रभाव से पिछले दिनों हिमालय क्षेत्र में कुछ बर्फबारी भी हुई थी। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि ठंड के सीजन में तापमान का गिरना पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता और हवा के रुख पर निर्भर रहता है। अमूमन पश्चिमी विक्षोभ मानसून की विदाई होने पर ही उत्तर भारत में उपस्थिति दर्ज कराते हैं,लेकिन इस बार अभी दस दिन में एक के बाद एक कर तीन पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आ चुके हैं।
शुक्ला के मुताबिक ठंड के सीजन में 15 दिसंबर से न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होने लगती है। उधर रात के समय हवा का रुख भी उत्तरी होने लगा है। इससे रात के समय ठंड का अहसास होने लगा है। मानसून के विदा होते ही रात के तापमान में गिरावट होने लगेगी।
इसके बाद 31 जनवरी तक कड़ाके की ठंड का दौर रहता है। इस बार पश्चिमी विक्षोभ के समय से पहले आने से सर्दी की शुरुआत कुछ पहले होने की संभावना दिख रही है।
11 फरवरी 1950 को न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री रिकार्ड हुआ था। यदि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अच्छी बर्फबारी होने के साथ हवा का रुख उत्तरी बना रहा तो इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी। शुक्ला के मुताबिक भोपाल शहर में वर्ष 1950 तक न्यूनतम तापमान दो डिग्री से भी नीचे चला जाता था। 18 जनवरी 1935 को न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री दर्ज किया गया था।