सांवेर के प्रतिष्ठित मुकाबले में लगातार जिला निर्वाचन के अधिकारियों पर शक जता रही कांग्रेस ने कहा है कि मतदान टीमों का चयन रेंडम या लॉटरी के आधार पर होना चाहिए। 15 मतदान बूथों को कांग्रेस ने अतिसंवेदनशील घोषित करने की मांग भी रख दी है।
इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): मध्य प्रदेश में सत्ता की उठापटक के बीच अब तक की सबसे ज्यादा सीटों पर और सबसे ज्यादा कशमकश वाले उपचुनावों में निर्वाचन आयोग भी निशाने पर है।
निर्वाचन विभाग ने कुल 110 मतदान बूथ को संवेदनशील माना है, लेकिन एक भी अतिसंवेदनशील की श्रेणी में नहीं है। कांग्रेस ने कहा कि 15 मतदान केंद्रों में ही कुल करीब 4000 मतदाताओं के नाम जुड़ गए हैं। इन्हें अतिसंवेदनशील घोषित कर विशेष निगरानी रखने से निष्पक्षता बनी रहेगी किसी का नुकसान नहीं होगा। कांग्रेस के उम्मीदवार प्रेमचन्द गुड्डू की और से 15 बूथों की सूची निर्वाचन आयोग को सौंपी गई है। कांग्रेस ने बीती और ताज़ा मतदाता सूची में आए मतदाताओं की संख्या के अंतर को अपने शक का आधार बनाया हैै।
रेंडम और लॉटरी के आधार पर मतदान केंद्रों के नंबर और पोलिंग टीम को नंबर देकर एक रात पहले ही लॉटरी निकालना चाहिए। प्रशासन ने कांग्रेस की मांग पर अब तक ध्यान नहीं दिया है ऐसे में संबंधित बूथों पर अब कांग्रेस अपनी अोर से विशेष निगरानी तय कर रही है। कांग्रेस का मानना है कि इसी तरह पहले से मतदान दलों की ड्यूटी तय नहीं होना चाहिए। उसी आधार पर मतदान केंद्र पर ड्यूटी तय होना चाहिए।
कांग्रेस के मुताबिक आशंका है कि सत्ता के दम पर भाजपा चुनाव को प्रभावित करने के लिए कुछ भी कर सकती है। इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सदाशिव यादव ने कहा कि कुछ मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा अपने आप में आश्चर्यजनक है। फरवरी में ही मतदाता सूची का प्रकाशन हुआ था। उसके बाद इतनी कम अवधि में इन चुनिंदा मतदान केंद्रों पर इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम बढ़ना चौंकाने वाली बात है। इनमें से हर मतदान केंद्र में 100 से लेकर 900 तक मतदाताओं के नाम बढ़ाए गए हैं। इन केंद्रों के लिए मतदान दल का चयन रेंडम आधार पर किया जाए।
कांग्रेस ने कहा कि फर्जी और बोगस मतदान की आशंका बनी हुई है। लिहाजा इन सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर मतदान के समय की रिकॉर्डिंग करवाई जाए और सभी दलों के उम्मीदवारों को भी उपलब्ध कराई जाना चाहिए। पांच दिन पहले कांग्रेस की ओर से यह आपत्ति पर्यवेक्षक को सौंपने के साथ ही साथ मुख्य चुनाव आयुक्त को नई दिल्ली भी भेजी गई है।