जनता के सामने लोकतंत्र को बचाने की गुहार लगाते हुए पार्टी नेता और कार्यकर्ता बताएंगे कि जिन्हें वोट दिया गया था, वे उनके वोट का अपमान कर रहे हैं। इसे लेकर कमल नाथ अपनी टीम के साथ बैठक कर रणनीति को अंतिम रूप दे चुके हैं। उन्होंने विधायकों से भी चर्चा की थी।

भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधी): चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में कांग्रेस अब अपने विधायकों के भाजपा के पाले में जाने को लेकर हमलावर रहेगी। कांग्रेस लंबे समय से विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाती आई है। इसे लेकर अब जनसभा, सोशल मीडिया और कार्यकर्ताओं के माध्यम से अपनी बात घर-घर तक पहुंचाई जाएगी।
कांग्रेस ने उपचुनाव के प्रचार की शुरुआत गद्दारी, बिकाऊ बनाम टिकाऊ और सौदेबाजी के मुद्दे के साथ की थी, लेकिन धीरे-धीरे यह पीछे छूट गया और अन्य विषय सामने आने लगे। हालांकि, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ता इस मुद्दे को सबसे आगे रखे रहे।
दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी के विधानसभा की सदस्यता छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने तय किया है कि सौदेबाजी के मुद्दे को सबसे आगे रखा जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ हों या फिर अन्य वरिष्ठ नेता, सभी के प्रचार का प्रमुख बिंदु भाजपा द्वारा विधायकों को प्रलोभन देना और लोकतंत्र को नोटतंत्र में तब्दील करना होगा। वचन-पत्र में भी क्षेत्रीय विकास से जुड़े मुद्दों पर फोकस किया गया। धीरे-धीरे यह मुद्दे भी पीछे छूट गए और आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि पार्टी शुरुआत से ही यह बात जनता के सामने रख रही है कि भाजपा ने सौदेबाजी करके चुनी हुई सरकार को गिराया था। एक विधायक का और इस्तीफा कराकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण से यह बात और पुष्ट हो गई है। इसे चुनाव प्रचार की बची हुई अवधि में और दमदारी से जनता के बीच रखा जाएगा। कमल नाथ द्वारा अपनी टीम के साथ तय की गई रणनीति के तहत ही उन्होंने सोमवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने चुनाव को लोकतंत्र के उत्सव की जगह सौदेबाजी के उत्सव में बदल दिया है।