हिंदू विवाह के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें जोड़ी, अब हिंदू विवाह के लिए दोनों पक्षों का हिंदू होना जरूरी

- Advertisement -
- Advertisement -

राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि, इंदौर। हिंदू धर्म में विवाह एक महत्वपूर्ण संस्कार है। इसे पूरा करने के लिए प्राचीन विधि में कुछ शर्तें अधिरोपित की गई थीं। वर्तमान हिंदू विवाह अधिनियम 1955 आधुनिक हिंदू विधि है। इसे प्राचीन शास्त्रीय विधि तथा आधुनिक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसके अंतर्गत हिंदू विवाह के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें जोड़ी गई हैं। हिंदू विवाह के अधीन इन शर्तों की पूर्ति किया जाना अति आवश्यक है। अधिनियम की धारा पांच में हिंदू विवाह के लिए शर्तों का उल्लेख किया गया है। धारा सात में हिंदू विवाह के संस्कार बताए गए हैं। इसी तरह धारा आठ में हिंदू विवाह के रजिस्ट्रीकरण के संबंध में उपबंध दिए गए हैं। एडवोकेट घनश्याम गुप्ता ने बताया कि अधिनियम के अंतर्गत धारा पांच में उल्लिखित शर्तों का उल्लंघन होने पर किसी विवाह को शून्य और शून्यकरणीय घोषित किया जाता है। इन वर्णित शर्तों का पालन नहीं करने पर होने वाले परिणाम का उल्लेख अधिनियम की धारा 11, 12, 17 और 18 में किया गया है। धारा पांच के तहत हिंदू विवाह के संपन्न किए जाने के लिए जो शर्तें दी गई हैं, वे निम्नानुसार हैं- हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अधीन सबसे पहली शर्त दोनों पक्षकारों का हिंदू होना जरूरी है। कोई भी विवाह हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अधीन तब ही संपन्न माना जाएगा, जब दोनों पक्षकार हिंदू होंगे। एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब विवाह के दोनों पक्षकार हिंदू हों तो ही हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत कोई हिंदू विवाह संपन्न माना जाएगा। धारा पांच के अंतर्गत यह महत्वपूर्ण शर्त भी अधिरोपित की गई है कि हिंदू विवाह तभी संपन्न होगा जब विवाह के समय दोनों पक्षकारों में से न तो वर की कोई पत्नी जीवित होगी और न ही वधू का कोई पति जीवित होगा। प्राचीन शास्त्रीय हिंदू विवाह बहुपत्नी को मान्यता देता था, परंतु आधुनिक हिंदू विवाह अधिनियम 1955 बहुपत्नी का उन्मूलन करता है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में कहा है कि दांपत्य युगल शब्द से आशय पूर्व दांपत्य युगल से नहीं है। अगर वर या वधू की पत्नी या पति जीवित नहीं है तो उन्हें पुनर्विवाह करने से वर्जित नहीं किया जा सकता है। एक कुंवारा व्यक्ति जिसने विवाह के समय तक विवाह न किया हो, एक विधवा या विधुर या विवाह विच्छेद के उपरांत ऐसा व्यक्ति विवाह विधिक रूप से कर सकता है। हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा पांच के तहत ही एक पत्नी सिद्धांत का पालन किया गया है।

- Advertisement -

Latest news

रूस पर यूक्रेन का एक और अटैक, पहले अमेरिकी और अब ब्रिटिश मिसाइल से हमला

राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि I यूक्रेन का रूस पर हमला करने का दावा किया जा रहा है। रॉयटर्स के मुताबिक, बुधवार को...
- Advertisement -

ज़रूर पढ़े

इंदौर: नाबालिग को हुआ पंजाब के लड़के से प्रेम, पबजी खेल से हुई थी दोनों की जान- पहचान, पहुँच गयी पंजाब उससे मिलने

परिजनों की गुमशुदगी की शिकायत पर; पुलिस ने कॉल डिटेल निकाली तो दस दिन बाद आरोपी और लड़की को इंदौर ले आई।...

सिंधिया: किसने क्या किया- क्या नहीं किया, कांग्रेस को खुद नहीं पता अपने नेताओं के बारे में

कांग्रेस खुद ही नहीं जानती कि उनके नेता ने क्या किया और क्या नहीं. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य...

Related news

सर्दी के चलते स्कूलों की टाइमिंग बदली, जानें नया शेड्यूल

राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि I देश में ठंड के साथ-साथ कोहरे का असर भी लगातार बढ़ते जा रहा है। बिहार में कोहरे...

तापमान गिरने के साथ-साथ कोहरे का दौर शुरू; MP-राजस्थान समेत 8 राज्यों में घना कोहरा

राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि I देश में उत्तर भारत के राज्यों के साथ-साथ अब मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी ठंड लगातार...

सोने-चांदी की कीमतों में फिर उछाल, जानें हफ्ते के पहले दिन क्या है गोल्ड-सिल्वर का रेट

राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि I सोने-चांदी की कीमतों में आज (18 नवंबर) बड़ी बढ़त देखने को मिली है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स...

मणिपुर में 2 बच्चों समेत तीन लोगों के शव मिले:5 दिन पहले लापता मैतेई परिवार के होने की संभावना

राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि I मणिपुर में एक महिला और दो बच्चों के शव शुक्रवार को जिरी नदी में बहते मिले। इन्हें...
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here