उन्हें बाहर करने का सवाल अधिकतर लोगों के मन में है, लेकिन जो महेंद्र सिंह धौनी को जानते हैं, उन्हें इसका जवाब भी पता है। और जवाब है, बिल्कुल नहीं। ये उनका अंदाज नहीं है मगर उन्होंने अपनी टीम में कुछ बदलाव तो किया है, जो आमतौर पर वह करना पसंद नहीं करते।
(राष्ट्र आजकल स्पोर्ट्स डेस्क): संजय मांजरेकर का कॉलम। क्या चेन्नई की टीम शेन वॉटसन को अंतिम एकादश से बाहर करेगी। वॉटसन अब तक के मुकाबलों में बिल्कुल लय से भटके हुए नजर आए हैं।
उन्होंने टीम में शार्दुल ठाकुर को जगह दी, जबकि चाहर, कुर्रन और ब्रावो को भी अंतिम एकादश में रखा। इसका मतलब उन्होंने ये मान लिया है कि अगर जडेजा उनके पांच गेंदबाजों में शामिल हैं तो उन्हें पांच से अधिक गेंदबाजों की जरूरत है। इस वजह से जडेजा को हैदराबाद के खिलाफ खेले गए मुकाबले में दो ओवर ही करने पड़े।
महान कप्तान ने अपना तरीका थोड़ा बदल लिया है और जब वक्त आएगा तो हो सकता है कि वह अपने बेसिक्स भी बदल लें जो टीम से अधिक छेड़छाड़ की अनुमति नहीं देता। क्या पता कि हम धौनी को वही करता हुआ देखें जिससे विराट कोहली का नाम जुड़ा हुआ है। और वह है लगातार अंतिम एकादश बदलते रहना।
ताहिर ने पिछले सत्र में सभी पिचों पर बेहतरीन प्रदर्शन किया था। यहां भी वह ब्रावो की तुलना में अधिक प्रभावशाली हो सकते हैं। मैं बता रहा हूं कि ये चयन आसान नहीं है। चेन्नई ने पिछले मैच में अच्छी टीम उतारी, लेकिन अब टीम शार्दुल ठाकुर या दीपक चाहर में से एक तेज गेंदबाज में कमी कर सकती है। इसके अलावा वॉटसन या ब्रावो की जगह इमरान ताहिर को टीम में लिया जा सकता है।
पंजाब की टीम को दो मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है। पंजाब के युवा आक्रामक बल्लेबाज सरफराज खान और कृष्णप्पा गौतम को इसलिए बल्लेबाजी के लिए अधिक वक्त नहीं मिलता क्योंकि मैक्सवेल को अधिक ओवर खेलने देना प्राथमिकता है। और दूसरा मुद्दा है पंजाब की डेथ बॉलिंग। मुझे लगता है कि शेल्डन कॉटरेल के ओवर पहले ही पूरे करा देने चाहिए और नीशाम की जगह जॉर्डन को टीम में शामिल कर उन्हें डेथ ओवरों की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। एक तो मैक्सवेल की फॉर्म।