राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | भारत में भी इसका खतरा पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कम उम्र के लोगों में हृदय की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है, कोरोना महामारी के बाद से इसका जोखिम और भी अधिक हो गया है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए सभी लोगों को निरंतर ध्यान देते रहने की जरूरत है। डॉक्टर कहते हैं, हर उम्र के व्यक्ति में हृदय से संबंधित समस्याएं देखी जा रही हैं। ऐसे में सवाल ये है कि कैसे पता किया जा सकता है कि आपको हृदय की कोई समस्या तो नहीं है? या फिर आपमें हार्ट की समस्याओं का कोई जोखिम तो नहीं है? डॉक्टर्स इसके लिए कुछ उपाय बताते हैं जिसपर ध्यान देकर आप भी हार्ट की हेल्थ का अंदाजा आसानी से लगा सकते हैंहृदय की सेहत को जांचने के लिए सबसे जरूरी पैरामीटर है ब्लड प्रेशर पर ध्यान रखना। अगर आपका ब्लड प्रेशर अक्सर कम या ज्यादा रहता है तो इसे हार्ट की समस्याओं का संकेत माना जाता है। रक्तचाप की सामान्य सीमा 120/80 की मानी जाती है। अगर आपका ब्लड प्रेशर इससे अधिक बना रहता है तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों का वजन अधिक होता है उनमें हृदय रोग-डायबिटीज सहित कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का खतरा अधिक होता है। जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स 25 से अधिक होता है उनमें हृदय रोगों का जोखिम अधिक होने का खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं बीमारियों से बचे रहने के लिए वजन को कंट्रोल में रखना जरूरी है।