राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। ये गुरुवार को 10 मार्च को अष्टमी तिथि से शुरू होगा। होलिका दहन के 8 दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत होती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक सूर्य उदय के साथ तिथि की शुरुआत होती है, इसलिए 10 मार्च से शुरू होने वाला होलाष्टक 17 तारीख को होलिका दहन के साथ खत्म हो जाएगा। पूरे सप्ताह होलाष्टक दोष होने की वजह से सभी शुभ काम पर रोक रहेगी। इस बार होलाष्टक में नवमी तिथि की वृद्धि होगी। लेकिन इसके बावजूद होलाष्टक आठ दिनों का ही रहेगा। ज्योतिष ग्रंथों में होलाष्टक को दोष माना जाता है, जिसमें विवाह, गृह प्रवेश, निर्माण कार्य आदि नहीं हो सकेंगे। ज्योतिष में तिथि वृद्धि को शुभ माना गया है। इसलिए होलाष्टक में नवमी तिथि के बढ़ने से दोष और अशुभ असर में कमी आएगी। अशुभ मुहूर्त में किए गए कामों से कष्ट और हानि की आशंका रहती है। उन्होंने बताया कि होलाष्टक में शुभ कामों की मनाही होती है लेकिन लेन-देन और निवेश पर रोक नहीं होने से खरीदारी की जा सकेगी। 18 मार्च को होली उत्सव और 22 को रंगपंचमी मनाई जाएगी। 14 मार्च से सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा, जो 14 अप्रैल तक रहेगा। सूर्य के राशि बदलने से खरमास की शुरुआत हो जाएगी। सूर्य के मीन राशि में रहते हुए विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन सहित कोई भी शुभ संस्कार नहीं किए जाते हैं। इसलिए अब 14 अप्रैल के बाद शादियां शुरू होंगी। इनमें अगला विवाह मुहूर्त 17 अप्रैल को रहेगा।