राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | शरीर की बेहतर कार्यप्रणाली के लिए हार्मोन्स का संतुलित रहना बहुत आवश्यक माना जाता है। हार्मोन ऐसे रसायन होते हैं जो रक्त के माध्यम से अंगों, त्वचा, मांसपेशियों और अन्य ऊतकों तक संदेश पहुंचाकर शरीर में विभिन्न कार्यों का समन्वय बनाए रखने में मदद करते हैं। ये संकेत आपके शरीर को बताते हैं कि क्या करना है और कब करना है? हार्मोन्स में होने वाली समस्या के कारण सामान्य कामकाज प्रभावित हो सकता है।
महिला और पुरुष दोनों में हार्मोन असंतुलन के कारण अलग-अलग तरह की समस्या होने का खतरा हो सकता है। यही कारण है कि सभी लोगों को इस समस्या से बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहने चाहिए।
हार्मोन और अधिकांश ऊतक जो उन्हें बनाते और रिलीज करते हैं, आपके अंतःस्रावी तंत्र के लिए आवश्यक होते हैं। हार्मोन कई अलग-अलग शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं, जैसे मेटाबॉलिज्म, होमोस्टैसिस, शारीरिक विकास, यौन क्रिया, प्रजनन, नींद-जागने का चक्र आदि। सभी लोगों को निरंतर ऐसे उपाय करते रहने चाहिए जिससे इस तरह के असंतुलन को ठीक किया जा
हार्मोन्स में होने वाले असंतुलन के कारण शरीर में कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। कई असंतुलनों को उपचार की आवश्यकता होती है, कुछ अस्थायी हो सकते हैं और अपने आप दूर हो जाते हैं। मुंहासे, डायबिटीज, थाइरॉइड, मोटापा से लेकर बांझपन तक की समस्या के लिए भी हार्मोन असंतुलन एक कारण हो सकता है। आइए जानते हैं कि किन उपायों को प्रयोग में लाकर इस तरह की समस्याओं से बचा जा सकता है? नियमित रूप से योग और व्यायाम की आदत बनाकर भी हार्मोन्स के संतुलन को ठीक रखा जा सकता है। रोजाना व्यायाम की आदत बनाएं। जॉगिंग या पैदल चलना, तैराकी-साइकिलिंग जैसी आदतें भी इसमें आपके लिए सहायक हो सकती हैं। मन और शरीर को शांत करने के लिए रोजाना मेडिटेशन का अभ्यास करें, इससे भी लाभ मिलता है।