इस तारीख तक रिटर्न नहीं भरने पर करदाता को फिर मौका नहीं मिलेगा और एक साल के लिए वह रिटर्न नहीं भरने वाले डिफॉल्टर करदाता की सूची में शामिल हो जाएगा।

इसके पहले अंतिम तारीख 31 मार्च थी, जिसे कोविड के चलते दो बार बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया। 2018-19 का आयकर रिटर्न भरने के लिए 30 सितंबर को आखिरी तारीख है।
इनकम टैक्स एक्ट में बदलाव के बाद यह पहला मौका है जब करदाता को एक साथ दो वित्तीय साल का रिटर्न भरने का मौका मिल रहा है। लगातार रिटर्न भरने से करदाता को होम लोन व अन्य वित्तीय मामलों में काफी लाभ होता है।
वहीं वित्तीय साल 2019-20 के रिटर्न भरने के लिए 30 नवंबर अंतिम तारीख है।