इनमें 27 मौत सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हुई, क्योंकि इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। कुछ ऐसे भी हैं, जिनकी रिपोर्ट आने के पहले मृत्यु हो गई।
इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): अस्पताल प्रशासन मौत की वजह मरीजों के देर से वहां पहुंचना बता रहा है। उन्हें यह कहकर कोरोना से हुई मौत में नहीं जोड़ रहा है कि ये रिपोर्ट आने से पहले भर्ती हुए थे। एमटीएच कोविड अस्पताल में पांच दिन में 32 मरीजों की मौत का मामला सामने आया है। इनमें से 15 मरीज अन्य जिलों से रैफर हुए थे।
सरकार के नए नियम के चलते मरीज डिस्चार्ज भी नहीं हो सके। कुछ निजी अस्पताल में शिफ्ट होना चाहते थे। रिकॉर्ड में सिर्फ चार की मौत बताई गई है, जो पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे। हालांकि कोविड हॉस्पिटल होने के कारण सभी मरीज कोरोना के लक्षण प्रकट होने के बाद ही भर्ती हुए थे।
शुक्रवार को शहर में 226 नए मरीज मिले। शुक्रवार को मिले 226 नए मरीजों के साथ संक्रमितों की संख्या 12 हजार 455 हो गई। 2836 सैंपल की जांच में 2591 निगेटिव मिले। 78 ठीक होकर घर लौटे जबकि 5 मरीजों की मौत हो गई।
पहले अप्रैल में भी ऐसा हो चुका है, तब भी रिपोर्ट नहीं आने का कहकर प्रशासन ने करीब 80 मृतकों के नाम रिकॉर्ड पर नहीं लिए थे। बाद में मई, जून, जुलाई तक इन मृतकों के नंबर आंकड़ों में जुड़ते रहे। मृत्यु दर कम होने का दावा कर रहे प्रशासन के सामने एमटीएच अस्पताल के इस मामले ने चिंता बढ़ा दी है। अब इन 32 में से जितनी भी मौतें बाद में रिकॉर्ड पर आएंगी तो एकदम से आंकड़ा बढ़ेगा।
कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने दो-चार घंटे में ही दम तोड़ दिया। 70 से 80% मरीज, खासकर अन्य जिलों के अंतिम अवस्था में आ रहे हैं।