संक्रमण के खतरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सितंबर के 7 दिन में ही 1672 मरीज सामने आ चुके हैं। यानी औसत आंकड़ा करीब 240 मरीज प्रतिदिन का है। वहीं, अब तक 427 माैतें हाे चुकी हैं। इसमें सितंबर के आंकड़ाें की बात करें ताे 29 लाेग 7 दिन में जान गंवा चुके हैं।

सोमवार को अब तक के सबसे ज्यादा 295 नए मरीज मिले। 6 मरीजों की मौत भी हो गई। शहर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 15165 पर पहुंच गया है। शहर में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है।
मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार की कोरोना मैनेजिंग कमेटी को अनुमान है सितंबर में शहर में 10 हजार और अक्टूबर में 20 हजार नए मरीज आएंगे। कमेटी ने इंदौर में सितंबर तक 23 हजार से अधिक मरीज होने की आशंका जताई है। अक्टूबर अंत तक 43 हजार से ज्यादा पॉजिटिव मरीज हो सकते हैं। इंदाैर में 24 मार्च को कोराेना के मरीज सामने आए थे। पिछले महीने 7 अगस्त तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा 8343 था। वहीं, 330 मरीजों की जान गई थी। ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा 5851 था। वहीं, 7 सिंतबर तक की बात करें तो मरीजों की संख्या 15165 हो चुकी है। मौत का आंकड़ा 427 तक पहुंच गया है। पिछले एक महीने में ही 6822 मरीज सामने आ चुके हैं।
मल्हारगंज में छह तो वैशाली नगर में भी छह संक्रमित पाए गए हैं। नौलखा और विनय नगर में 5-5 तो सुदामानगर, शेषाद्री कॉलोनी, मानिक बाग रोड और स्कीम नंबर 103 में 4-4 मरीज पाए गए हैं। राहत केवल यही है कि 60 फीसदी मरीज एसिम्टोमैटिक होंगे और इन्हें बैड्स की जरूरत नहीं होगी। सोमवार रात आई रिपोर्ट के अनुसार 202 अलग-अलग क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें 14 ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पहली बार संक्रमण पहुंचा है। एक बार फिर से कोरोना का मुख्य केंद्र विजय नगर ही बना है। यहां से 10 मरीज सामने आए हैं। सुखलिया के गौरी गनर, दीनदयाल उपाध्याय नगर और लवकुश विहार कॉलाेनी में 9 संक्रमित मिले हैं। इनका उपचार होम आइसोलेशन में भी हो जाएगा। लेकिन अक्टूबर अंत तक 55 हजार एक्टिव मरीज में से करीब 15 से 20 हजार मरीज को बैड्स की जरूरत लगेगी। इसके लिए पांच हजार से ज्यादा बैड्स की व्यवस्था करना होगी।
अभी संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है और लोग भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे मूल नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। यदि यही हाल रहा तो फिर प्रशासन को स्थानीय स्तर पर सख्त फैसले लेने होंगे। अभी 56 दुकान पर रविवार को भीड़ आई, पिकनिक पर लोग निकल गए। डॉक्टर भी संक्रमित हो रहे हैं, इनके लिए अलग बैड्स करा रहे हैं, वह बीमार रहेंगे तो आगे मुश्किल बढ़ जाएगी। कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ गई है और बैड्स की समस्या शुरू हो गई है। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि छतरपुर, ग्वालियर, भोपाल सभी जगहों से मरीज इंदौर में उपचार के लिए आ रहे हैं और अभी यहां के अस्पतालों में 50 फीसदी बैड्स इंदौर के बाहर के मरीजों के उपचार में हैं।