माहोल कुछ यूँ है कि कई जगह तो परिजन मरीज की स्थिति देख एडवांस देकर रूम बुक करवा रहे हैं।
इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): प्रशासन को अब सुपर स्पेशिएलिटी में आईसीयू के 100 बेड का उपयोग करना पड़ेगा। चाचा नेहरू और कैंसर अस्पताल में 10-10 बेड तैयार होने थे, वे भी अधूरे हैं। इधर, निजी अस्पतालों की हालत तो और खराब है। यहां 160 आईसीयू में से 129 बेड पर मरीज हैं, यानी सिर्फ 31 खाली हैं। रोज आ रहे 200 से ज्यादा कोरोना मरीजों के कारण अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है। 6 दिन में प्रशासन ने अस्पतालों को बेड दोगुना करने को कहा, पर इसी दरमियान 88 नए मरीज भर्ती हो गए। निजी अस्पताल प्रबंधकों का कहना है रोज शहर और पड़ोसी जिलों से 70-80 मरीज आ रहे, पर जगह की कमी के कारण मना करना पड़ रहा।
सरकारी सिस्टम से जुड़े अरबिंदो, एमआरटीबी और इंडेक्स के आईसीयू फुल हो गए हैं, सिर्फ न्यू चेस्ट वार्ड में 11 बेड खाली हैं। उच्च वर्ग में कोरोना फैलने के कारण निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां एचडीयू के 51 में से 35 बेड और ऑक्सीजन के 402 में से 350 बेड पर मरीज हैं।
अलग से 155 आइसोलेशन बेड भी हैं, लेकिन उनमें से 104 पर मरीज हैं। सभी तरह के 768 में से 618 बेड फुल हैं। मरीजों के बढ़ने के साथ ही शहर में कोरोना प्रभावित इलाकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। प्रशासन द्वारा जारी सूची के मुताबिक शनिवार को सबसे ज्यादा 11 मरीज भागीरथपुरा क्षेत्र में मिले, बड़ा सराफा और बिचौली मर्दाना में 7-7, शांति निकेतन और चंदन नगर में 5-5 मरीज मिले। 176 नई कॉलोनियों-गांवों में संक्रमित सामने आए जबकि विजय नगर क्षेत्र में 9 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए।