आरोपी ने हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए हर मुमकिन कोशिश की लेकिन पुलिस की सूझ- बूझ के चलते मात्र 48 घंटे के भीतर वारदात का पर्दाफाश कर आरोपी पति को सलाखों के पीछे भेज दिया।
दिनांक- 4 अगस्त; आरोपी भारतेंदु उर्फ दिलीप सिंह निवासी बेटमा, इंदौर ने पत्नी के खाने में नींद की गोलियां मिलाकर खिलाकर उसे बेहोश कर दिया और उसी हालत का फायदा उठाकर उसने अपनी पत्नी का गला दबाकर क़त्ल को अंजाम दिया।
पति ने अपनी पत्नी को इतनी बेरहमी से मौत के घाट उतारा कि हर कोई यह हत्या के बारे में सुनकर दंग रह गया।
पुलिस को आरोपी पति भारतेंदु पर शक था इसलिए जब उसने उससे पूछताछ की गई तो पहले तो उसने पत्नी की मौत हार्ट अटैक होने की बात कही, फिर बताया कि पत्नी ने फांसी लगा ली।
वारदात को अंजाम देने के बाद आत्महत्या का रूप देने के लिए उसने पत्नी के शव को फंदे से लटका दिया और फिर पत्नी के आत्महत्या करने की जानकारी दूसरी सुबह परिजनों को दे दी।
साथ ही आरोपी ने सबूत मिटाने व पकडे जाने के डर से जल्दबाजी मे शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया।
पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ के दोरान उसने पत्नी की हत्या करना कबूल कर लिया।
भारतेंदु को डर था कि अगर उसकी पत्नी किसी के साथ भाग गई तो उसकी समाज में इज्जत चली जाएगी, साथ ही उसकी पत्नी के नाम दो बीघा जमीन भी थी। आरोपी भारतेंदु ने 2006 में अपने से 30 साल छोटी उम्र की युवती से शादी की थी।
आरोपी भारतेंदु को शक था का उसकी पत्नी किसी के साथ भाग जाएगी क्यूंकि इसी साल फरवरी के महीने में अपने एक दोस्त के साथ वह भाग गई थी।