चार शव एक साथ मिले थे, पैकिंग के लिए लाए जा रहे शव. पीएम कक्ष के 16 बॉडी फ्रीजर भी पैक चल रहे हैं। एमवायएच के पोस्टमार्टम कक्ष में शवों की दुर्गति कोई नई बात नहीं है। करीब 15 साल पहले भी यहां से एक साथ चार अज्ञात शव ऐसी ही क्षत-विक्षत हालत में बरामद हो चुके हैं।
इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): एक तरफ तो शासन शहर में कोरोना की वजह से बड़ी संख्या में मौतों से इंकार कर रहा है, दूसरी तरफ एमवायएच प्रबंधन स्वीकार रहा है कि एमटीएच और अन्य शासकीय अस्पतालों से बड़ी संख्या में शव आने से पोस्टमार्टम कक्ष में जगह नहीं है। एमवाय अस्पताल के पोस्टमार्टम रूम में रखे-रखे कंकाल बने शव ने शासन के दावों की पोल खोल दी है।
पीएम कक्ष में बदबू फैलने के बाद शव पड़े होने की बात सामने आई, जिन्हें बाद में निगम को सौंपा गया था। अस्पताल के पुराने कर्मचारियों के मुताबिक करीब 15 साल पहले भी पीएम कक्ष में ऐसी ही एक घटना हो चुकी है।
उस वक्त चार शव एक साथ पड़े मिले थे। इनमें से तीन शव अज्ञात थे, जबकि एक को मृतक के स्वजन वहीं छोड़कर चले गए थे। इन शवों को नगर निगम को निबटान के लिए ले जाना था, लेकिन सूचना देने के बावजूद कोई नहीं आया।
कोविड-19 से मरने वालों के शवों का पोस्टमार्टम तो नहीं किया जाता, लेकिन शवों को पैकिंग के लिए यहां लाया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत आने वाले सभी अस्पतालों से शव पोस्टमार्टम के लिए एमवायएच लाए जाते हैं।