सोमवार को जब स्वजन शव लेने पहुंचे तो फटा हुआ बैग और खून के निशान नजर आए। शव की क्षत-विक्षत हालत से नाराज मृतक के स्वजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। इसके बाद अन्नपूर्णा थाने के टीआइ और तहसीलदार पीपीई किट पहनकर अस्पताल पहुंचे। यहां से शव लेकर निकले स्वजनों ने सड़क पर शव रख कर करीब आधा घंटे तक हंगामा किया।

इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): चार घंटे में ही चूहों ने शव की अंगुलियां, सिर का आधा हिस्सा, आंखें, कान और पंजे कुतर दिए। इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल (MYH) के बाद अब निजी यूनिक अस्पताल में भी शव रखने के इंतजामों को लेकर लापरवाही सामने आई है। यहां भर्ती बुजुर्ग की कोरोना से मौत के बाद अस्पताल के फ्रीजर में रखे शव को चूहे कई जगह से खा गए।
मृतक की पोती प्रज्ञा जैन और बेटे पवन जैन ने अस्पताल की लापरवाही के साथ ही शव के साथ छेड़छाड़ और अंग चोरी का आरोप लगाया है। पुलिस ने स्वजन को समझाइश दी और अस्पताल की एंबुलेंस बुलाकर शव पंचकुइया मुक्तिधाम पहुंचाकर अंतिम संस्कार कराया गया।
बेटे प्रकाश जैन ने बताया कि रविवार शाम अस्पताल ने पिता की स्थिति गंभीर बताते हुए 50 हजार रुपये और जमा करवाए। इसके बाद उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बुलवाकर लगाए गए। इसके बाद रात एक बजे मौत की सूचना दी। सुबह जब शव लेने पहुंचे तो शव की खराब हालत देखी। हुकमचंद मार्ग निवासी 87 वर्षीय नवीन जैन को खून में ऑक्सीजन का स्तर कम होने पर स्वजन ने शनिवार को यूनिक अस्पताल में भर्ती किया था। यहां जांच में उन्हें कोरोना पॉजिटिव बताया गया था।
शिकायत मिलने पर कलेक्टर मनीष सिंह ने तत्काल जांच समिति गठित कर दी। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) अजय देव शर्मा को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। मामले में अस्पताल का पक्ष जानने के लिए अस्पताल के संचालक डॉ. प्रमोद नीमा को कई बार फोन लगाया, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।
चार घंटे में ही शव की हालत ऐसी कैसे हो गई, इससे हम खुद हैरान हैं। यूनिक अस्पताल के एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर अशोक पाटीदार ने बताया कि मरीज की मौत के बाद हमने स्वजन को सुबह करीब सात बजे बॉडी दिखाकर फ्रीजर में रख दी थी।