सहायक श्रमायुक्त एवं नियंत्रण अधिकारी उपदान भुगतान इंदौर द्वारा 33 माह पहले (5 जनवरी 2018) जारी किए स्पष्ट आदेश के बावजूद लोक निर्माण विभाग के इंदौर कार्यालय ने कर्मचारी नारायण बांगर की उसके हक की दो लाख रुपये की ग्रेच्युटी राशि अटका रखी है।
इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): विभाग के संभाग क्रमांक 1 में व्यथित सेवानिवृत्त कर्मचारी बांगर ने दैनिक वेतन भोगीकर्मी और उसके बाद टेलीफोन अटेंडेंट पद पर 26 साल तक नौकरी की थी। सेवानिवृत्ति के बाद उसे विभाग से कुल 1,96,125/- रुपये ग्रेच्युटी राशि मिलनी थी, लेकिन विभाग द्वारा सिर्फ 73,320 रुपये ही भुगतान किया गया था। इस तरह अभी भी 1,22,755 रुपये की राशि बकाया है। यह राशि प्राप्त करने के लिए कर्मचारी ने न्यायालय सहायक श्रमायुक्त इंदौर के समक्ष आवेदन पेश किया था। जिसका संज्ञान लेकर न्ययालय ने तीन साल पूर्व विभाग को नोटिस दिया था।
न्यायालय ने ये भी साफ कर दिया कि ग्रेज्युटी राशि भुगतान के मामले में हुए विलंब में आवेदनकर्ता बांगर की कोई गलती नहीं है। इस आदेश के अनुसार आवेदक कर्मचारी को दो लाख रुपये ज्यादा राशि प्राप्त होना बाकी है। न्यायालय द्वारा पीड़ित कर्मचारी द्वारा पेश दस्तावेजी सबूतों के मद्देनजर 5 जनवरी 2018 को एक सख्त आदेश पारित किया था कि अधिनियम की धारा 4(2) के अंतर्गत आवेदक को 30 दिवस की अवधि में ही ग्रेज्युटी राशि 1,03062 रुपये एवं मामले में विलंब के कारण ब्याज की राशि 56,684 रुपये इस तरह कुल 1,59,746 का भुगतान करें। इसी के साथ उक्त आदेश में यह भी उल्लेख है कि तय समयावधि में भुगतान नहीं करने पर 10 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज दर से वास्तविक भुगतान की तिथि तक अतिरिक्त ब्याज भी देना होगा।
मामले का जल्द निराकरण नहीं हुआ तो पीड़ित कर्मचारी बांगर दोषी अधिकारी के खिलाफ न्यायालय की अवमानना संबंधी याचिका दायर करेगा। इसी के साथ पीडब्ल्यूडी ऑफिस के द्वार पर आमरण अनशन करेगा। लोक निर्माण विभाग कर्मचारी संगठन इंदौर के पूर्वाध्यक्ष अनिल कुमार धड़ावईवाले ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के डिवीजन नंबर एक के कार्यभारित स्थापना लिपिक कैलाश शर्मा ने अधिकारी के आदेश के बावजूद मामला जानबूझकर लंबित रखा है। इस कर्मचारी की मनमानी की वजह से कर्मचारियों में भारी असंतोष है।