आपको बता दें की यहां सब्जि बेचने आने वाले किसान शिकायत कर रहे हैं कि जितना खर्च वे बीज डालने पर कर रहे हैं उतना पैसा भी सब्जियों को बेचने से नहीं मिल रहा। चोइथराम मंडी में सोमवार सुबह नीलामी के दौरान अरबी का 50 किलो का बोरा 150 रुपये तो पांच किलो पालक का ढेर 25 रुपये में बिका।
इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): मिली जानकारी के अनुसार खाद्य वस्तुओं के बाद अब आम लोग महंगी हो रही सब्जियों को लेकर शिकायत कर रहे हैं, लेकिन थोक मंडी में नजारा इसके उलट है।
तड़के जो सब्जियां थोक मंडी में बेहद सस्ते दामों में बिकी, सूरज चढ़ने के साथ शहर के खेरची बाजारों में इन सब्जियों की कीमत भी चढ़ती नजर आई। कुछ ही घंटे में खेरची बाजार में जब ये सब्जियां लोगों के झोलों में पहुंची तो इनकी कीमत चार से दस गुना तक हो गई। गिलकी से लेकर मैथी और लौकी से लेकर बैंगन तक के हाल यही है।
चोइथराम मंडी में अपने खेत में उगी पालक बेचने आए किसान दशरथ मुकाती ने पांच किलो से ज्यादा पालक के गठ्ठों का सौदा 40 रुपये में किया। उन्होंने कहा कि कुछ घंटे पहले तो ऐसा पालक 30 रुपये में भी बिका। मुकाती कहते हैं कि सरकार भले ही दावा करे कि सब्जियों का भी न्यूनतम मूल्य तय है लेकिन ऐसा कुछ नजर नहीं आता।
खंडवा रोड क्षेत्र के अपने खेत से मैथी बेचने आए कमल सोनगिरा ने अपनी मैथी के गठ्ठों का सौदा 13 रुपये किलो के दाम से कर दिया। सोनगिरा ने कहा, यह कीमत पर्याप्त नहीं है। मैथी का बीज ही सौ रुपये किलो है। कम से कम हमारी सब्जी 20 रुपये किलो तो बिकनी ही चाहिए।