इसका मकसद दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक सदस्यों और विद्यार्थियों के बीच संबंधों को मजबूत करना है। इससे दोनों संस्थान एक दूसरे के साथ मिलकर और बेहतर अनुसंधान कर पाएंगे। संस्थान स्टार्टअप के लिए भी काम करेंगे। इनके लिए इंक्यूबेशन सेंटर और सेंटर फॉर एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे। प्रो. राय ने कहा कि 21वीं सदी के व्यवसायों के लिए दोनों संस्थान मिलकर काफी कुछ नया दे सकेंगे। विद्यार्थियों के बीच ज्ञान और अनुभव का आदान प्रदान हो सकेगा
इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): सोमवार को आइआइएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय और आइआइटी इंदौर के निदेशक प्रो. निलेश कुमार जैन के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए।दोनों संस्थानों के बीच यह पहला समझौता है।इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आइआइएम) इंदौर और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) इंदौर अब मिलकर काम करेंगे। दोनों संस्थान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), एनालिटिक्स और आधुनिक तकनीक के क्षेत्र में काम करेंगे।
इसमें प्रदर्शनी, व्याख्यान, सम्मेलन, संगोष्ठी और कार्यशालाएं कराई जा सकेंगी। इसमें मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के बीच ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान बेहतर तरीके से हो सकेगा। प्रो. निलेश जैन ने कहा यह पहला मौका है जब इंदौर में आइआइएम और आइआइटी जैसे संस्थान एक दूसरे को शैक्षणिक और अन्य क्षेत्रों में सहयोग करेंगे। इससे मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग क्षेत्र से संबंधित शोध को ज्यादा गति मिल सकेगी।
समझौते के तहत यह भी तय किया गया है कि दोनों संस्थान के विद्यार्थी मिलकर विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर सकते हैं।