खरगोन, खंडवा, धार, झाबुआ, बैतूल, मंदसौर, मनावर सहित कई शहरों से करीब 500 विद्यार्थी परीक्षा देने पहुंचे। इनमें से ज्यादात सरकार की परिवहन सुविधा से पहुंचे।
इंदौर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): सुबह नौ से दोपहर 12 बजे के सेशन में करीब 600 और दोपहर में भी करीब इतने ही विद्यार्थी शामिल हुए। ज्वाइंट एंट्रेंस एक्जामिनेशन (जेईई) मेंस के चौथे दिन शुक्रवार को शहर के चार परीक्षा केन्द्रों पर 1200 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
हालांकि इस सुविधा का उपयोग कर आवाजाही को लेकर अभिभावकों में डर बना हुआ है। विद्यार्थियों ने बताया, बस में नाश्ता दिया गया था। साथ में शिक्षक भी आए हैं। वे भी हमारा ध्यान रख रहे हैं। बस।में खरगोन के अलावा मंडलेश्वर और महेश्वर के भी विद्यार्थी थे। बस में बैठे यशवंत यादव ने बताया कि बेटी सिमरन पहली बार परीक्षा देने के लिए इंदौर आई है। इसे किसी तरह का डर न लगे इसलिए वे साथ आए हैं।
चौथे दिन भी प्रश्नों का स्तर सामान्य था। मैथ्स और केमिस्ट्री के कुछ प्रश्नों को छोड़ विद्यार्थियों को बाकी प्रश्न सामान्य लगे। लॉकडाउन के बाद पहली बार घर से बाहर निकले हैं। परीक्षा विशेषज्ञ विजित जैन ने बताया कि जनवरी में हुई मेंस और इस समय हो रही परीक्षा में पूछे जा रहे प्रश्नों का स्तर सामान्य है। विद्यार्थी खुश है कि उनकी तैयारी सफल रही। परीक्षा केंद्र से बाहर निकल रहे कई विद्यार्थियों ने बताया कि मास्क निकालने के लिए मना किया जा रहा है, लेकिन तीन घंटे मास्क लगाए रखने से घबराहट होती है।
आइसोलेशन रूम भी बनाए गए हैं। इनमें कोरोना के लक्षण वालों को बैठाने की व्यवस्था है। विद्यार्थियों से केंद्र में प्रवेश करने के पहले शपथ पत्र भरवाया जा रहा है। इसमें लिखना होता है कि कोरोना संक्रमित नहीं हूँ। परीक्षा केंद्र के अंदर एक सीट छोड़कर बैठाया जा रहा है। सुबह के सेशन में परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों की जगह पर दोपहर के सेशन वाले विद्यार्थियों को नहीं बैठाया जा रहा है। सुरक्षा के लिहाज से इसे बेहतर कोशिश बताया जा रहा है।
केंद्र के अंदर जाने के पहले विद्यार्थियों के पुराने मास्क उतरवाकर नए मास्क दिए जा रहे हैं। परीक्षा के समय रफ काम के लिए दिए जा रहे पांच पेजों को भी केंद्र के अंदर लगे डस्टबिन के अंदर ही डालने के लिए कहा जा रहा है।