जिला प्रशासन ने एसडीएम अधारताल ऋषभ जैन को केवल ऑक्सीजन सप्लाई बनाए रखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। एसडीएम ने बताया कि जबलपुर के आसपास के आठ जिले भी लगभग जबलपुर के भरोसे हैं। इन जिलों में भी ऑक्सीजन की सप्लाई निर्बाध बनाए रखने के प्रयास जारी हैं।

जबलपुर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): प्रशासन का दावा है कि जबलपुर जिले सहित नजदीकी 8 जिलों में ऑक्सीजन की सप्लाई निरंतर है। खाली सिलेंडर की कमी को दूर करने के लिए शहर की औद्योगिक इकाइयों को 300 नए सिलेंडर बनाने का ऑर्डर दिया गया है। ऑक्सीजन की कमी को लेकर मची मारामारी के बीच जबलपुर से राहत भरी खबर है।
जिले में लगभग 6 हजार 700 ऑक्सीजन सिलेंडर वर्तमान में तीन एजेंसियों व विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध कराये गए हैं। इनमें नागपुर, भिलाई और राउरकेला की कंपनियों से टैंक बुलवाकर शहर की निजी एजेंसियों से फिलिंग कराई जा रही है।
जबलपुर से शहडोल, दमोह, कटनी, सागर, सिवनी, उमरिया, डिंडौरी, मंडला में भी ऑक्सीजन की मांग पर पूर्ति की जा रही है।
मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सर्वाधिक खपत:
- -विक्टोरिया में लगभग 600 सिलेंडर प्रतिदिन
- -निजी अस्पतालों में 500 से 600 सिलेंडर प्रतिदिन
- -मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 1100 सिलेंडर प्रतिदिन
मांग को देखते हुए प्रशासन ने छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई भी बढ़ा दी है। इसी तरह अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन बनी हुई है, लेकिन कुछ अस्पतालों में सामान्य मरीजों को भर्ती नहीं करने को लेकर ऑक्सीजन की कमी बता दी जाती है जो कि प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। कमी को दूर करने के लिए प्रशासन ने 300 सिलेंडर बनवाने का ऑर्डर दिया है। प्रशासन ने ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई निर्बाध बनाए रखने के लिए एसडीएम स्तर के अधिकारी का नंबर भी जारी किया है। जिसे लेकर अब उनके पास व्यावहारिक परेशानी भी आने लगी है।
जिम्मेदारी मानते हुए अधिकारी भी इससे पीछे नहीं हट रहे हैं। दरअसल, जिले के विभिन्न अस्पतालों के प्रबंधकों को ऑक्सीजन सप्लाई की समस्या के अलावा अब ऐसे मरीज भी सीधे अधिकारियों को फोन कर रहे हैं, जिन्हे घर में ही ऑक्सीजन चाहिये।
किसी भी प्रकार से ऑक्सीजन में कमी नहीं होने दी जाएगी। जिले में 300 नए ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने के लिए औद्योगिक इकाइयों को ऑर्डर दिये गये हैं। इसके बाद खाली सिलेंडर की कमी भी दूर हो जाएगी।
वर्तमान में रोजाना 2 हजार से 2200 ऑक्सीजन सिलेंडर तक प्रतिदिन खपत हो रही जो कि लगभग 50 फीसद बढ़ गई है। प्रशासन की पूरी तैयारी है।