प्रशासन के बेड बढ़ाने के जो प्रयास चल रहे हैं, उसी के साथ सैम्पलिंग कम करके कोरोना पॉजिटिव कम दिखाने की कवायद भी शुरू हो गई है। प्रशासन ने सभी निजी लैब्स से भी कहा है कि बहुत जरूरी होने पर ही सैम्पल लें।

पर्दे के पीछे की कहानी ये है कि जबलपुर की बिगड़ती स्थिति पर अब राजधानी भोपाल में भी चर्चा होने लगी है और शासन ने यहाँ प्रशासन पर दबाव बना दिया है कि किसी भी हालत में सुधार होना चाहिए। जिले में कोरोना की सैम्पलिंग अचानक कम कर दी गई है सरकारी आँकड़ों का कहना है।
जबलपुर में अब जबकि संक्रमण अचानक बढ़ गया है तो स्वाभाविक तौर पर सैम्पल बढ़ा देने चाहिए थे पर इससे प्रदेश के तीसरे नंबर का शहर अचानक ही बेहद संक्रमित दिखने लगा और चूँकि अस्पतालों में बेड की मारामारी की खबरें राजधानी पहुँचने लगीं तो प्रशासन ने सैम्पलिंग को सीमित करने का अनकहा निर्णय ले लिया। सरकारी लैब्स में तो 2 हजार की बजाय 1 हजार के आसपास सैम्पल कर दिए गए। संक्रमण बढ़ा तो सैम्पल कम कर दिए एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब डिस्चार्ज होने वाले मरीज पॉजिटिव आने वाले मरीजों से बढ़ जाएँगे तो समझ लीजिए कि पीक आ गया।

सैम्पलिंग के अभाव में मरीज गंभीर अवस्था में आ जाएँगे और तब उन्हें आईसीयू की जरूरत होगी, जो न केवल ज्यादा मुश्किल और खर्चीला होगा बल्कि जानें भी ज्यादा जाएँगी। सैम्पल भरपूर हों तब ही नियंत्रण स्पेशलिस्ट का कहना है कि जितने ज्यादा सैम्पल होंगे, लोग उतने सचेत होंगे और समय पर मरीजों को होम क्वारंटीन से ही सँभाला जा सकेगा।
बीते दिनों में ज्यादा सैम्पलिंग इसलिए हो रही थी कि लोगों की घर-घर जाकर जाँच पड़ताल चल रही थी, लेकिन नई गाइडलाइन के अनुसार अब सभी को फीवर क्लीनिक में जाकर टेस्ट कराना है। इस कारण अभी सैम्पलिंग के आँकड़े कम हुए हैं। कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, लोगों से आग्रह है कि वे फीवर क्लीनिक जाकर अपना टेस्ट कराएँ और आवश्यक दवाएँ लें।
अगर एक माह पहले देखें तो 23 अगस्त को कुल सैम्पल भेजे गए थे 1392 और रिपोर्ट आई थी 1275 सैम्पलों की। इसमें से पॉजिटिव आए थे 103 और डिस्चार्ज हुए थे 70 मरीज। लेकिन 25 अगस्त को स्थिति बदल गई थी, सैम्पल भेजे गए थे 2146 और रिपोर्ट आई थी 1381 सैम्पलों की, जिसमें से पॉजिटिव थे 117 और स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया था 80 मरीजों को। ये है आँकड़ों का खेल कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने पदभार सँभालते ही कहा था कि रोज 2 हजार सैम्पल लिए जाएँगे क्योंकि उनके कार्यभार ग्रहण करने के पहले जबलपुर में कम सैम्पल करने के आरोप थे।
आँकड़ों की कहानी की शुरूआत 23 सितम्बर से ही करते हैं। पिछले 24 घंटों में 1050 सैम्पल भेजे गए और 1043 सैम्पलों की रिपोर्ट आई, जिसमें से 196 पॉजिटिव पाए गए और इसी दिन 202 लोगों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया।