बावजूद इसके कुछ दिन तक निरीक्षण चला और आज की स्थिति में कोई अधिकारी अस्पतालों में झांकने तक नहीं गया। जबकि 24 कर्मचारी और इतनी ही संख्या में अधिकारियों की तैनाती आदेश जारी हुए थे। यह जानकारी सिर्फ प्रशासन तक सीमित है कि किस अस्पताल में लापरवाही बरती जा रही है।

जबलपुर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): निजी अस्पतालों की लापरवाही को देखने के बाद सितंबर माह में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने अधिकारियों की निजी अस्पतालों की निगरानी के निर्देश और आदेश दिए थे।
अधिकारियों को निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के उपचार पर हर रोज निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। रोजाना अस्पतालों में भर्ती सभी कोरोना प्रकरण की समीक्षा करने और उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा करने कहा गया। उस बैठक में अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, सीएमएचओ डॉ मेडीकल कालेज के पलमोनरी मेडिकल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ भी मौजूद थे। यह मिले थे निर्देश: निजी अस्पतालों की मानीटरिंग के लिए नियुक्त मेडिकल कालेज के वरिष्ठ चिकित्सक और अन्य अधिकारियों से सलाह ली गई थी।