कालांतर में जिन वरिष्ठ सिखों ने इसे स्थापित किया उनमें से कई की निधन हो गया लेकिन बाद में आए सेवकों एवं पदाधिकारियों ने इस संस्था को जीवित रखा और सैकड़ों कार्यवाही और विवादों के निपटारे किए जिसके अभिलेख संस्था के पास उपलब्ध हैं। पिछले दिनों कुछ लोगों द्वारा जबलपुर सिख संगत बनाकर आयोजन किए गए और शहर के बड़े अधिकारियों को सम्मानित किया, इसे राजनैतिक रंग दिया जा रहा है।
जबलपुर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): सिख संगत1984 से लगातार जबलपुर निवासी सिखों की समस्याओं एवं विवादों के निवारण हेतु कार्य कर रही है।
वादी की तरफ से पंकज दुबे अधिवक्ता पैरवी कर रहे हैं। उक्त नकली सिख संगत के विरुध्द मूल जबलपुर सिख संगत द्वारा न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर नकली सिख संगत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई है। व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक के द्वारा प्रकरण में अनावेदक गण को हमदस्त तामीली के आदेश दिए गए और 23 अक्टूबर को अगली सुनवाई के लिए रखा गया है।