सूत्रों से पता चला हे की कोरोना के बीच इस बार मनाए जा रहे पांच दिवसीय दीपों के पर्व दीपावली के पहले ही दिन धनतेरस पर शहर ने तिगुना कचरा उगला। दीवाली के मद्देनजर घरों से लेकर दुकान, प्रतिष्ठानों में हुई विशेष साफ-सफाई, रंग-रोगन से कचरे की मात्रा भी आम दिनों के मुकाबले बढ़ गई।

जबलपुर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): आम दिनों में रोजाना शहर भर से करीब 400 से 450 टन कचरा उठता था, लेकिन इस बार कोरोनाकाल में मनाए जा रहे त्योहार में कचरे की मात्रा लगभग 1200 टन हो गई।
नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के तहत आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों से सुबह, शाम कचरा उठता रहा वहीं शहर की सड़कों पर सुबह, शाम और रात तीन शिफ्टों में झाड़ू लगती रहीं।
सूखे और गीले कचरे की छंटाई कर सूखे कचरे का इस्तेमाल वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में बिजली बनाने में किया जा रहा है। जबकि गीले कचरे का उपयोग खाद बनाने के लिए किया गया। नगर निगम की मानें तो कचरे की मात्रा बढ़ने से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से उत्पादित बिजली भी छमता भी बढ़ रही है। शहर से निकले कचरे का निष्पादन कठौंदा स्थित स्वच्छता पार्क में किया गया।