जिले में 11 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा चावल मिलर्स वापस ले चुके हैं। जिसमें से 7 हजार 500 मीट्रिक टन चावल को सुधारा जा चुका है। अभी 3 हजार 500 मीट्रिक टन चावल सुधारना बाकी है। चूंकि चावल की मात्रा ज्यादा है,इसलिए मिलर्स को गुणवत्ता सुधारने में समय लगा है। यह बात अलग है कि किसी भी मिलर्स के खिलाफ पुख्ता कार्रवाई नहीं की जा सकी।

जबलपुर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): जिले सहित मंडला, बालाघाट में मिले घटिया चावल को लेकर आज भी कवायद जारी है। जो चावल मिलर्स ने तैयार किया था। उसी चावल को उन्हें दोबारा सुधारने दिया गया।
इन गोदाम में मिला हजारों बोरा घटिया चावल: सितंबर माह में केंद्र सरकार की रिपोर्ट मिलने के बाद जिले में भी गोदामों की जांच की गई। जिन गोदामों से चावल के सैंपल रिजेक्ट हुए थे, उनमें एसडीएम के दलों द्वारा जांच की गई। उस दौरान पाटन में एसडीएम आशीष पांडे द्वारा कार्रवाई की गई। यहां रोशनी और मंगलम वेयर हाउस में भंडारित चावल को निगरानी में लिया गया है। वहीं राशन दुकानों में वितरण करने पर रोक लगा दी गई थी।
भेड़ाघाट में एल एंड डी वेयर हाउस के अलावा एसडब्ल्यूडी के रिछाई स्थित गोदाम में एसडीएम रांझी दिव्या अवस्थी ने जाकर कार्रवाई की थी। इसके अलावा एसडीएम नम: शिवाय अरजरिया ने कृषि उपजमंडी स्थित सरकारी वेयर हाउस में निरीक्षण किया और गौरव वेयर हाउस शहपुरा और एसडब्ल्यूसी बाबाताल सिहोरा के वेयर हाउस को प्रशासन ने अगले आदेश तक बंद कर दिया था। सभी सात गोदाम में 43 हजार 376 बोरा में चावल को घटिया माना गया। प्रारंभिक जांच में घटिया चावल की मात्रा 2 हजार 169 मीट्रिक टन थी। लेकिन यह बढ़कर 11 हजार तक पहुंच गई।