मिली जानकारी के अनुसार पता चला हे की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश राज्य शासन और फिर जिला प्रशासन को मिले हैं। जिसमें कहा गया है कि पिछले वर्ष नवंबर माह में जिन शहरों में प्रदूषण का स्तर तय मानक से ज्यादा मिला है,वहां पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाए।प्रदूषण बोर्ड से जिला प्रशासन ने इस बारे में रिपोर्ट तलब कर ली है। जिसमें यह बात साफ हो चुकी है कि जबलपुर के विभिन्न् क्षेत्रों में तय मानक से ज्यादा प्रदूषण पिछले वर्ष था। लेकिन कारोबारियों की परेशानी यह है कि वह अधिकांश क्षेत्रों में पटाखा दुकान सजा चुके हैं।

जबलपुर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): सूत्रों के अनुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर कई राज्यों में पहले ही पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। वहीं अब जबलपुर में भी पटाखों की बिक्री और पटाखा फोड़ने पर प्रतिबंध की तैयारी की गई है।
जिले में 500 से ज्यादा पटाखा दुकान सजने वाली है। इनमें से कई दुकान तो उपनगरीय व शहरी क्षेत्र में स्थापित की जा चुकी है। यह अस्थाई पटाखा कारोबारी हैं,जो साल में एक बार दीपावली तक पटाखों की बिक्री करते हैं। आज जारी होगा विस्तृत आदेश: कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने पटाखा कारोबारियों के लिए बिक्री के प्रतिबंध लागू करने की पूरी तैयारी की है। सूत्रों का कहना है कि पटाखा एसोसिएशन वालों को भी इस बारे में अवगत कराया गया है। यदि ऐसा हुआ तो इस बार शहर में पटाखा फोड़ना मुश्किल होगा।
पिछले साल एक्यूआई एयर क्वालिटी इंडेक्स 213 था। जबकि 100 से 200 के बीच मोडरेट सामान्य माना जाता है। यदि 200 से 300 के बीच खराब माना गया है। एक स्टेशन से मान लिया पूरा शहर प्रदूषित: ताज्जुब इस बात का है कि जिले में सिर्फ एक जगह पर प्रदूषण बोर्ड के द्वारा एयर क्वालिटी इंडेक्स के लिए मीटर लगाया गया है। यह मीटर शहर के बीच मालवीय चौक में लगा है। लेकिन इस एक स्थान पर हवा में प्रदूषण की मात्रा को ध्यान में रखकर ही पूरे जिले के प्रदूषित मान लिया गया।