ट्रकों और गैराज मालिकों ने पूरी 30 फीट की सड़क को ही निगल लिया है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल कहते हैं कि किसी भी तरह से हम अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं यदि गलत तरीके से ट्रक खड़े हैं या कोई कब्जा हो रहा है तो हम उसको अलग करायेंगे।

जबलपुर (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): यहाँ ट्रक कुछ देर सड़क पर खड़े होकर अपने गंतत्व तक रवाना हो जाएँ तो चल सकता है लेकिन हो यह रहा है कि इनको इनके मालिकों ने रोड में कब्जे के अंदाज में जमा दिया है। कोई सर्विस रोड का उपयोग कर शहरी सीमा में अंदर प्रवेश करना चाहे तो उसको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ट्रकों और गैराज मालिकों ने पूरी 30 फीट की सड़क को ही निगल लिया है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल कहते हैं कि किसी भी तरह से हम अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं यदि गलत तरीके से ट्रक खड़े हैं या कोई कब्जा हो रहा है तो हम उसको अलग करायेंगे।
लंबी कोशिशों के बाद जबलपुर से भोपाल, जबलपुर से नागपुर हाईवे रोड कुछ चौड़ी व शहरी सीमा के करीब तक सर्विस रोड बनी तो इसमें कब्जे की होड़ सी शुरू हो गई। अंधमूक चौराहे में तो ट्रकों का ऐसा जमावड़ा हो गया कि सर्विस रोड पूरी तरह से इसके दो किमी की सीमा तक नजर ही नहीं आती है। जबलपुर से भोपाल सड़क में तेवर की सीमा से कुछ पहले तक, इसी तरह अंधमूक चौराहे से कटनी की ओर बहदन के रेलवे ब्रिज की सीमा तक और इसी तरह गढ़ा रेलवे स्टेशन के करीब तक ट्रक और गैराज मालिकों का पूरी तरह से कब्जा हो गया है।
एक तरह से अच्छी खासी सड़क को चौपट किया जा रहा है। रात के वक्त तो यहाँ तेज रफ्तार से आने वाले वाहनों को खड़े ट्रक दिखते ही नहीं हैं क्योंकि इनके आगे-पीछे कुछ दिखाई नहीं देता है। इन हालातों में हादसों का खतरा भी यहाँ पर अब बढ़ गया है। केवल सड़क में कब्जा नहीं है साथ ही चलने के लिए संकेत देने वाले सूचना फलक मिटा रहे हैं। ऐरो तोड़ रहे और जालियाँ, डिवाइडर जो लगाए गए हैं उनको भी ठिकाने लगाया जा रहा है।
पूरे चौराहे और इसके दो किलोमीटर के दायरे में तेज दौड़ते वाहनों के बीच सहज यातायात नाम की कोई चीज ही यहाँ पर नजर नहीं आती है। चौराहे में अंडर व्हीकल पास या जो ब्रिज बनाया गया है उसके ऊपर तक ट्रकों को खड़ा कर दिया जाता है। ये ट्रक िकसी तरह से नो एण्ट्री के लिए खड़े नहीं होते हैं। यहाँ एक तरह से पूरा एरिया ट्रकों के लिए ही चिन्हित कर दिया गया है ऐसा दृश्य यहाँ पर नजर आता है।
अभी तक यह देखा जाता रहा है कि किसी भी वारदात को अंजाम देने के बाद गुनहगार आसानी से शहर के बाहर भाग जाते हैं। ऐसे वाहन चालक जिनकी नंबर प्लेटों में अमानक नंबर अंकित होते हैं उन पर भी उक्त कैमरों के जरिए नजर रखते हुए ऑनलाइन चलान घर भेजे जाएँगे।
शहर के हर बायपास चौराहे पर कैमरे लगाए जा रहे हैं। उक्त कैमरों के जरिए संदिग्धों पर नजर रखी जाएगी। कैमरों का लिंक आईटीएमएस शाखा को भी भेजा जाएगा, यहाँ की टीम बायपास से निकल रहे वाहनों पर नजर रखेगी।