जबलपुर राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि।
सिवनी के जंगलों से निकलकर मंडला जिले और फिर जबलपुर जिले की सीमा में आने वाले हाथियों को वन विभाग के वनकर्मियों ने खोज निकाला है। बुधवार की सुबह वनकर्मियों ने वन परिक्षेत्र बरेला से वन परिक्षेत्र बरगी में गश्त की। इस दौरान उन्होंने नर्मदा तट पर बसे खिरहनी गांव से नदी के बीच दो हाथियों को खोज लिया। यह वन्यजीव लोगों की भीड़ देखते ही आक्रामक होकर हमला करने दौड़ रहे हैं।
डीएफओ अंजना सुचिता तिर्की ने ने बताया कि सिवनी जिले के जंगल में रहने वाले हाथियों का दल करीब ढाई महीने पहले बाहर निकला। करीब 20 हाथियों का यह समूह मंडला जिले के जंगल में पहुंचा और दो माह बिताए। हाथियों के दल की आवाजाही व उत्पात से जंगल और खेतों में लगी फसल को कुछ नुकसान पहुंचा। इसके बाद यह वन्यजीव लौट गए, लेकिन वापसी में इस दल के दो सदस्य रास्ता भटक गए। यह दोनों हाथी करीब एक सप्ताह पहले मंडला से निकले और कान्हा टाइगर रिजर्व पार्क पहुंच गए। इन वन्यजीवों ने कान्हा पार्क में साथियों को खोजा और नाकाम रहने पर मंडला आ गए। मंडला के जंगल से तीन दिन पहले निकले हाथी सोमवार को वन परिक्षेत्र बरेला में प्रवेश कर गए। इन वन्यप्राणियों के आने की खबर पाकर रेंजर, बीटगार्ड को सतर्क कर दिया गया। जंगल की गश्त करने पर भी वन परिक्षेत्र बरेला में हाथियों का ठिकाना नहीं मिला। हालांकि बुधवार की सुबह यह दोनों हाथी नर्मदा तट खिरहनी के पास मौजूद पाए गए। वन परिक्षेत्र बरगी में इन हाथियों के होने की खबर पाकर खिरहनी, जमतरा और आसपास के गांवों के लोग पहुंच रहे हैं। जबकि यह वन्यजीव लोगों की भीड़ देखकर आक्रामक रवैया अपना रहे हैं। इसलिए वन परिक्षेत्र जबलपुर, बरेला, बरगी के अमले को हाथियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।