सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय के हवाले से जारी इस बयान में कहा गया है कि हालांकि गणपति ने दो वर्ष पहले बढ़ी उम्र और शारीरिक दिक्कतों के कारण पार्टी के महासचिव का पद छोड़ दिया है, लेकिन अब भी वह संगठन के साथ है।
रायपुर: नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने लिखित बयान जारी कर इसे छत्तीसगढ़ व तेलंगाना विशेष खुफिया शाखा (एसआइबी) और केंद्र सरकार की साजिश बताया है। देश में सक्रिय नक्सली संगठन के शीर्षस्थ नेताओं में शामिल गणपति के पुलिस के सामने आत्मसमर्पण से नक्सली संगठन ने इन्कार किया है।
पुलिस के कुछ अफसरों ने यहां तक कहा कि उसने तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। खुफिया विभाग के सूत्रों के अनुसार गणपति के आत्मसमर्पण की खबर से नक्सली संगठन में बेचैनी बढ़ गई थी, क्योंकि गणपति को नक्सलियों का सबसे बड़ा नेता माना जाता है। पार्टी के महासचिव की हैसियत से गणपति ने सबसे लंबे समय तक संगठन का नेतृत्व किया है।
उसके आत्मसमर्पण की खबरे नक्सली संगठन में इस वजह से भी बेचैनी बढ़ गई क्योंकि वह गंभीर रूप से बीमार है। नक्सली संगठन की तरफ से गणपति के संबंध में यह स्पष्टीकरण आने में करीब चार दिन से अधिक का वक्त लग गया। बता दें कि करीब चार दिन पहले गणपति के आत्मसमर्पण को लेकर खबर आई थी। इसमें कहा गया था कि वह आत्मसमर्पण करना चाहता है।
किसी भी राज्य की पुलिस या केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को भी नहीं पता है कि गणपति अभी दिखता कैसा है। गणपति की एक मात्र फोटो उपलब्ध है, जो करीब 30 वर्ष पुरानी है। गणपति उसकी उम्र करीब 80 साल है। पुलिस के खुफिया विभाग का अनुमान है कि गणपति ने बस्तर के अबूझमाड़ के घने जंगलों में कहीं डेरा डाल रखा है।