राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। बीएससी की द्वितीय वर्ष की परीक्षा -2022 का नोटिफिकेशन निरस्त करने के बाद भी मेडिकल यूनिवर्सिटी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने यूनिवर्सिटी को ये बताने के लिए कहा है कि जिन छात्रों की परीक्षा निरस्त की गई, अब उनकी परीक्षा कब और कैसे आयोजित की जाएगी। यूनिवर्सिटी को दो सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता उमेश बौहरे को यूनिवर्सिटी के जवाब पर आपत्ति पेश करने की अनुमति प्रदान की है। इस मामले की शुरुआत 19 सितंबर 2022 को हुई , जब जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें उन कॉलेजों के बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्रों की परीक्षा का टाइम टेबल जारी किया, जो संबद्धता और नामांकन नहीं होने के चलते परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पा रहे है। इस नोटिफिकेशन को हरिओम ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की । कोर्ट को बताया गया कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए इस प्रकार के नोटिफिकेशन जारी किए जा रहे हैं। शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट को बताया गया कि सितंबर में जारी नोटिफिकेशन को निरस्त किया जा चुका है। कोर्ट को ये भी बताया गया कि नोटिफिकेशन जारी होने के बाद मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा किसी भी छात्र को प्रवेश पत्र जारी नहीं किया गया। जस्टिस आर्या ने कहा – अब आप इन बच्चों का क्या करेंगे? एक तरफ आपने परीक्षा निरस्त कर दीं क्योंकि कोर्ट ने हस्तक्षेप कर दिया। अब आपको स्कीम लेकर आनी चाहिए, ताकि ये तय हो सके कि जो छात्र 2019-20 में परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं, वे आगे की परीक्षा में भी भाग ले सकें।