राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज 2 दिन के भारत दौरे पर दिल्ली पहुंच हैं। यहां उन्होंने राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान शोल्ज ने कहा- भारत और जर्मनी के बीच पहले से ही अच्छे संबंध हैं। हम इन्हें मजबूत करते रहेंगे। मुझे उम्मीद है कि हम दुनिया के विकास और विश्व शांति पर भी चर्चा कर सकें।
कुछ देर बाद दोनों नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन जंग, क्लाइमेट चेंज, चीन के साथ ही द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत होगी। इसके बाद चांसलर शोल्ज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलेंगे। शोल्ज की इस यात्रा में दोनों देशों के बीच साथ मिलकर 6 कन्वेंशनल सबमरीन बनाने के लिए 5.2 अरब डॉलर की एक डील होगी।
2011 में दोनों देशों के बीच इंटर-गवर्नमेंटल कंसल्टेशन (IGC) की शुरुआत हुई थी। इसके बाद पहली बार कोई जर्मन चांसलर भारत आया है। शोल्ज के साथ वरिष्ठ अधिकारी और एक बिजनेस डेलिगेशन भी मौजूद है। 26 फरवरी को वो बेंगलुरु जाएंगे।
शोल्ज भारत यात्रा के दौरान 6वें इंटर गवर्नमेंटल कंसल्टेशन (IGC) के परिणामों पर चर्चा करेंगे। साथ ही इस यात्रा से भारत और जर्मनी के रक्षा सहयोग मजबूत होंगे। इसके अलावा दोनों देश साइंस एंड टेक्नोलॉजी और इकोनॉमी के क्षेत्र में अपने संबंधों को मजबूत कर सकेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि G4 के हिस्से के तौर पर भारत और जर्मनी साथ मिलकर बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर काम करते हैं। G4 देशों का एक ग्रुप है जो UN की सिक्योरिटी काउंसिल में स्थायी सीट के लिए एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। इनमें ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान शामिल हैं।
भारत और जर्मनी के बीच एक मजबूत इकोनॉमिक पार्टनरशिप है। यूरोपियन यूनियन में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। साथ ही जर्मनी भारत के टॉप 10 ग्लोबल ट्रेड पार्टनर में से एक है।