राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। कई देशों में कोरोना के नए सब-वेरिएंट बीएफ-7 के फैलाव के खतरे को देखते हुए सरकार की ओर से जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया है। इसके बावजूद राजगढ़ जिला अस्पताल से लापरवाही की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो आपको हैरान कर देगी। यहां जिला अस्पताल में कोरोना काल के दौरान एक साल पहले 1 करोड़ रुपए की लागत से बना बलून वार्ड रख रखाव के आभाव में उपयोग विहीन होकर बंद पड़ा है। जब राजगढ़ जिला अस्पताल में एक करोड़ रुपए खर्च कर मरीजों के लिए बनाए गए। बैलून वार्ड की पड़ताल के लिए पहुंची तो जिला अस्पताल में बने बैलून वार्ड में ताले लगे थे। टेंट की हवा निकली थी। जिसकी वजह से बैलून वार्ड का टेंट डाउन हो गया और पिछले कुछ महीने से 1 करोड़ का यहां बैलून वार्ड धूल खा रहा है। मामले को लेकर हमने राजगढ़ अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र कठेरिया ने बताया कि यह पिछले कोविड कॉल में आए थे। अमेरिकन फाउंडेशन संस्था के द्वारा लगवाए गए थे। यह पिछले डेढ़ साल से अच्छी कंडीशन में थे। जिसके बाद कंपनी हमें हैंडओवर कर चले गए थे। जिसके बाद बीच-बीच में पंचर होना, एसी काम नहीं करना आदी परेशानी हो रही थी। बारिश के समय भी हमें बहुत दिक्कत आई। हमने बहुत रिपेयर करवाया। एक को हमने अभी लोकल लेवल पर ठीक भी किया था। लेकिन वह फिर पंचर हो गया। खराब होने के बाद हमने मेल कर दिया है। बहुत जल्दी वहां से टेक्नीशियन आएंगे तो बहुत जल्द हम उन्हें चालू करवा लेंगे। राजगढ़ जिला अस्पताल में 1 साल पहले कोरोना काल के दौरान कोविड के मरीजों के लिए अमेरिकन फाउंडेशन द्वारा 1 करोड़ रुपए खर्च कर दो बलून वार्ड तैयार किए थे। जिसमें मरीजो के लिए 2 वार्ड में 25-25 बेड लगे थे। इस बैलून वार्ड का शुभारंभ 6 अक्टूबर 2021 को किया गया था। जिला अस्पताल में बने इस बैलून वार्ड की देख-रेख पीटी मेडिकल कंपनी के जिम्मे थी। दावा किया गया था कि यह बैलून वार्ड 20 साल तक टिकेगा। लेकिन इस बलून वार्ड के शुरू होने के बाद से ही इसमें खराबी आने लगी थी।
राजगढ़ जिला अस्पताल के बैलून वार्ड में 6 महीने पहले तेज हवा के कारण बैलून वार्ड की छत में लगे लोहे के पाइप वार्ड के अंदर भर्ती मरीजों के बीच गिर गए थे। हादसे में उस समय एक नर्स और एक मरीज को मामूली चोट आई थी। पाइप गिरने की घटना के बाद वार्ड में अफरा तफरी मच गई थी। उस समय पाइप बेड के बीच में गिरे जिस कारण वार्ड में भर्ती मरीज बाल-बाल बच गए।