राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि/ जम्मू-कश्मीर के रियासी आतंकी हमले में घायल हुए मेरठ के प्रदीप कुमार ने घटना को लेकर नए खुलासे किए हैं। उन्होंने मंगलवार (11 जून) को कहा- भगवान का शुक्र है कि हमले के बाद हमारी बस खाई में गिर गई।
अगर बस खाई में नहीं गिरती तो आतंकी हम सभी को मार डालते। खाई में गिरने से हम जिंदा बच गए। हालांकि, खाई में गिरने के बाद भी आतंकी गोली चला रहे थे। जब तक सभी यात्रियों की चीख बंद नहीं हुई, तब तक गोलीबारी जारी रही।
दरअसल, 9 जून को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण से एक घंटा पहले जम्मू-कश्मीर में शिव खोड़ी से कटरा जा रही बस पर 2 आतंकियों ने गोलीबारी की। ड्राइवर को गोली लगने पर 53 सीटर बस खाई में गिर गई।
घटना में 9 लोगों की मौत हुई और 41 लोग घायल हुए। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कोई संदिग्ध नहीं मिला। प्रदीप इसी बस में सवार थे। उन्होंने कहा कि आतंकी सेना जैसी वर्दी पहनकर आए थे।
घायल प्रदीप ने कहा कि बस शिव खोड़ी मंदिर से निकली ही थी। लोग वैष्णो देवी की ट्रैकिंग के बाद थक गए थे। कई यात्रियों की नींद लग गई थी। मैं भी सो गया था। बस घाटी पर चढ़ रही थी। इसलिए स्पीड धीरे थी। शाम करीब 6 बजे अचानक गोलियों की आवाज आई।
सामने बैठे लोग चिल्लाने लगे। मेरी नींद खुली, तब बस खाई से नीचे जा रही थी। मुझे लगातार गोलियों की आवाज आ रही थी। बस एक पेड़ और छोटे पहाड़ के बीच में फंस गई। इसके बाद रोड से गुजर रहे लोगों ने पुलिस को सूचना दी और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। अगर हम मरने की एक्टिंग नहीं करते तो शायद आज जिंदा नहीं होते।
हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को जम्मू-कश्मीर के LG ने 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया। वहीं, घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि भी दी जाएगी। घायलों की मदद के लिए घटनास्थल के पास ही कंट्रोल रूम भी बनाया गया।
पुलिस, आर्मी और CRPF की एक संयुक्त टीम तैयार कर हमलावरों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। सर्च ऑपरेशन के लिए अलग से 5 टीमें भी बनाई गई हैं। NIA की टीम भी जांच के लिए घटनास्थल पहुंच गई है।
जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लिया है और मुझे निर्देश दिया है कि हालात पर नजर रखूं। इस हरकत के पीछे जो भी लोग होंगे उन्हें जल्द से जल्द सजा दी जाएगी। PM मोदी ने सभी घायलों को स्वास्थ्य सेवा और मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
3 दशक में दूसरी बार ऐसा हमला
जम्मू-कश्मीर में दूसरी बार ऐसा हमला हुआ है। इससे पहले, 10 जुलाई 2017 में अनंतनाग में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा के दौरान बस पर गोलियां बरसाईं थीं। इसमें 7 श्रद्धालुओं की जान गई थी। वहीं, 19 घायल हुए थे।