राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व होता है। ये व्रत महिलाओं के लिए बेहद कठिन माना जाता है, क्योंकि इस व्रत को महिलाएं निर्जला रहकर करती हैं। इस पर्व को जीवित्पुत्रिका, जिउतपुत्रिका, जितिया, जिउतिया और ज्युतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। माताएं ये व्रत पुत्र प्राप्ति, संतान के दीर्घायु होने एवं उनकी सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए करती हैं। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखकर व्रत का अनुष्ठान करती हैं। लेकिन इस बार जितिया व्रत की सही तिथि को लेकर संशय बना हुआ है। कुछ पंचांग के अनुसार, जितिया का व्रत 17 सितंबर को रखे जाने की बात की जा रही है, वहीं कुछ लोग उदया तिथि को मानते हुए 18 सितंबर को जीवित्पुत्रिका व्रत रखने की बात कर रहे हैं। शुरुआत 17 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर होगी और 18 सितंबर दोपहर 4 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार, जितिया का व्रत 18 सितंबर 2022 को रखा जाएगा और इसका पारण 19 सितंबर 2022 को किया जाएगा। 19 सितंबर की सुबह 6 बजकर 10 मिनट के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को संतान प्राप्ति, उनकी लंबी आयु और सुखी निरोग जीवन की कामना के साथ किया जाता है। इस व्रत को करने से संतान के ऊपर आने वाले कष्ट दूर होते हैं।