राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि, खंडवा-खालवा। खालवा विकासखंड के एक गांव में अनोखा मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।यहां ग्राम कालाआम खुर्द में 28 साल पहले घर छोड़कर गया एक युवक अपने घर वापस लौटा। इस दौरान जब उसे पता चला कि उसके माता-पिता के साथ कोई दूसरा ही व्यक्ति दीनू बनकर दस साल तक रहा तो उसने बचपन की बातें याद दिलाते हुए स्वजन से कहा कि मैं ही असली दीनू हूं। माता-पिता ने भी उसे पहचान लिया।इसके बाद असली दीनू से मिलने के लिए ग्रामीणों का तांता लग गया। ग्राम काला आम खुर्द में जागेश्वर लौवंशी का बेटा दिनेश उर्फ दीनू 28 साल पहले घर से बिना बताए चला गया था।वर्षों तक वह नहीं लौटा लेकिन दस साल पूर्व इस परिवार में एक रिश्तेदार एक बाबा को लेकर आए और कहा कि आपका दीनू लौट आया है दीनू के पिता ने बताया कि बाबा के रूप में हमने भी दीनू को स्वीकार कर लिया था।धीरे-धीरे पूरे परिवार को वह पहचानने लगा।हमें लगा उसकी मानसिक स्थिति पर प्रभाव के कारण पहचानने में देर लग रही है।हमारे परिवार के सदस्य की तरह ही हमारे साथ रहता था। साधु संत था इसलिए कई दिनों तक बाहर भी रहता था।कई धार्मिक कार्यक्रम भी गांव में कराए लेकिन किसी के साथ छलावा नहीं किया।दीपावली से पूर्व ही वह गांव छोड़कर कहीं चला गया। अब असली बेटा लौट आया है तो हमें खुशी हो रही है। परिवार के विनोद लौवंशी ने बताया कि हमने नकली दीनू बाबा से बात की है।उसे बताया कि हमारा दीनू आ गया है लेकिन तुमने हमें धोखे में रखा।इस पर नकली दीनू बोला कि मैं कल्याणगिरी बाबा हूं।तेरे परिवार वालों ने मुझे दीनू माना।माता-पिता और परिवार से जो प्यार मिला उससे लगा कि मैं ही दीनू बन जाता हूं। इनका दिल न दुखे।मैंने कोई अपराध नहीं किया।परिवार का भी कहना है कि नकली दीनू ने हमारे साथ कोई छल नहीं किया लेकिन परिवार में नाम जुड़वाकर दस्तावेज बनवा लिए हैं, उससे कोई फर्जीवाड़ा हो सकता है।