राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। लाइफस्टाइल और आहार में होने वाली गड़बड़ी के कारण पाचन तंत्र पर नकारात्मक असर हो सकता है। यह पाचन अंगों के कार्यों को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे भोजन से सही तरीके से पोषक तत्वों का अवशोषण नहीं हो पाता है | आइए जानते हैं, दिनचर्या में किन योगासनों को शामिल करके पाचन स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद मिल सकती है? सभी उम्र के लोगों को इन आसनों का अभ्यास जरूर करना चाहिए। मार्जरी आसन को कैट काऊ पोज के रूप में भी जाना जाता है जिससे पेट से लेकर पीठ तक कई प्रकार के लाभ मिल सकते हैं। इस पोज में बारी-बारी से आंतों को संकुचित करने का अभ्यास किया जाता है जिससे एपिथेलियल कोशिकाओं में ताजा रक्त प्रवाह बढ़ता है। यह आंत के कार्यों को ठीक रखने और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक है। मार्जरी आसन के अभ्यास से चूंकि आंतों की समस्याएं दूर होती है, ऐसे में इससे भोजन से पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। उष्ट्रासन योग के अभ्यास से पाचन से संबंधित विकारों जैसे कब्ज और गैस की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। यह आसन पाचन अंगों की स्ट्रेचिंग और आंतों के लिए विशेष लाभकारी है। छाती को खोलने के साथ आंत और फेफड़ों की क्षमता में सुधार करने के लिए नियमित रूप से इस योग का अभ्यास किया जा सकता है। रीढ़ की स्ट्रेचिंग के साथ सर्वाइल की समस्याओं से परेशान लोगों को भी उष्ट्रासन योग के नियमित अभ्यास से फायदा मिल सकता है।