एब्स वर्कआउट के दौरान कई लोग कुछ ऐसी कॉमन गलतियां कर जाते हैं जिनकी वजह से उन्हें अच्छे रिजल्ट्स हासिल नहीं होते। जानें वे गलियां और उन्हें अवॉयड करने का तरीका।

राष्ट्र आजकल (लाइफस्टाइल डेस्क): जब भी कोई शख्स एक्सरसाइज या जिमिंग शुरू करता है तो उसका पहला लक्ष्य अपने पेट को फ्लैट करके एब्स बनाना रहता है।
जब आप सिटअप या क्रंच कर रहे हों, तब भी आपको मसल्स को पूरी तरह से आराम नहीं देना चाहिए, आपकी एब्स की मसल्स हर वक्त बिजी रहें। पेट की कसरत करने का यह सही तरीका है। एक्सरसाइज करने का मतलब यह नहीं कि आप आंख बंद करके कोई भी स्टेप फॉलो करें। एक्सरसाइज करते वक्त फोकस बनाए रखना चाहिए और आपको पता हो कि आप क्या कर रहे हैं। सही मसल ग्रूप को टारगेट बनाकर की गई एक्सरसाइज से आप ज्यादा फायदा हासिल कर सकते हैं।
आपको अपने वर्कआउट रूटीन में वैराइटी लानी चाहिए और नई एब्स वर्कआउट्स को उसमें शामिल करना चाहिए, जब आप एक ही तरह की एक्सरसाइज करते हैं, तो बॉडी को इसकी आदत हो जाती है और आपकी प्रोगेस भी धीमी हो जाती है। कहा जाता है कि प्रोगेस करने के लिए आपको खुद को लगातार चुनौती देना होगी। जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो भी यही नियम लागू होता है।
एब्स से जुड़ी एक्सरसाइज करते वक्त आपको एक कंट्रोल्ड तरीके से सांस लेनी है और इसके साथ बॉडी की स्पीड को सिंक्रनाइज करना है। सांस रोककर रखने से आप आसानी से थक जाएंगे और हो सकता है कि आप अपना वर्कआउट रूटीन पूरा ही न कर पाएं। एक्सरसाइज करते वक्त ध्यान में रखने वाली एक और अहम बात यह है कि आप ठीक से सांस लें। यह एक ऐसी गलती है जो लोग अक्सर करते हैं।
आपके अपने वर्कआउट रूटीन में लगातार बने रहना होगा और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर दिन खुद को मुश्किल रूटीन में धकेलना होगा। टोन्ड बॉडी पाने के लिए आपको हफ्ते में 5-6 दिन वर्कआउट करना होगा। फ्लैट पेट एक ही दिन में नहीं मिल सकता।
आपको ओवरऑल हेल्थ के लिए अपनी बॉडी की बाकी मसल्स पर भी काम करना होगा। ऐसा करने पर इसका असर पेट के एरिया पर भी दिखेगा। हफ्ते में दो बार एब्स वर्कआउट जरूर करें और ओवरऑल फिटनेस के लिए वेट ट्रेनिंग, कार्डियो, प्लायोमेट्रिक वर्कआउट वगैरह करें। यह समझ में आता है कि आप फ्लैट पेट हासिल करना चाहते हैं, पर इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए कि आप सिर्फ और सिर्फ एब्स से जुड़ी एक्सरसाइज ही करें।