स्लिम और जवां…? तो क्या है इसका राज़, ये जानने के लिए आपको पढ़ना होगा ये लेख और साथ ही इसके बाद कुछ जरूरी बदलाव, जिससे आप भी आसानी से बढ़ती उम्र के असर को थामने में कामयाब हो सकते हैं।

जब आप कभी जापान जाएंगे तो आपको एक अजीब चीज़ जो देखने को मिलेगी वो है कि वहां 50 साल की महिला भी 30 की ही नजर आती है। ये मत सोचिएगा कि इसके लिए वो कोई ब्यूटी ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करती हैं क्योंकि ये फर्क पुरूषों में भी देखने को मिलता है। जापान एक बहुत ही खूबसूरत देश है। हरे-भरे पहाड़, रंग-बिरंगा कल्चर, नीला समुद्र, डिलीशियस स्ट्रीट फूड और यहां के मिलनसार लोग इस जगह की खूबसूरती को दोगुना करते हैं।
शुरुआत करते हैं ग्रीन टिया से…. ग्रीन टी बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाली पत्तियों को सुखाकर उनका पाउडर बनाकर तैयार की जाती है। फिर इस पाउडर को उबलते पानी में मिक्स कर चाय तैयार होती है। ये चाय सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर ग्रीन टी बढ़ती उम्र के असर को थामने के साथ ही वजन घटाने में भी कारगर है। जापानी महिलाओं को ग्रीन टी पीना बहुत पसंद होता है। अगर आप जापान में किसी के घर जाएंगे तो वहां सबसे पहले आपको ग्रीन टी ही ऑफर की जाती है।
फर्मेंटेशन खाने के नेचुरल न्यूट्रिएंट्स को बचाकर रखता है और फायदेमंद एंजाइम्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स बनाता है। डाइजेशन दुरूस्त रखने के साथ ही ये फूड वजन भी कम करते हैं। फर्मेंटेशन की प्रक्रिया के दौरान लैक्टोबैसिल नामक कम्पाउंड्स का निर्माण होता है। पेट, त्वचा आदि से संबंधित रोगों से बचाव के लिए इस प्रकार के खाने का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा मात्रा में करना चाहिए। इस तरह के भोजन में अन्य भोजन के मुकाबले कई ज्यादा न्यूट्रिएंट्स, मिनरल्स व प्रोटीन पाए जाते है।
सीफूड में खासतौर से फिश का सेवन कई मायनों में लाभकारी होता है। इसमें प्रोटीन के साथ ही भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 मौजूद होता है जो बॉडी फैट कम करने के साथ ही चेहरे के ग्लो को भी बनाए रखता है। जापानीज़ लोग बाकी लोगों की तुलना में रेड मीट की जगह सीफूड का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। रेड मीट के इस्तेमाल से मोटापा, सूजन, कोलेस्ट्रॉल जैसी कई सेहत संबंधी समस्याएं धीरे-धीरे घर पर करने लगती हैं।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि धीरे-धीरे चबाकर खाने की आदत न सिर्फ डाइजेशन सही रखने के लिए बेहतर है बल्कि वजन कम करने में भी। कम मात्रा में खाना भी जापानी खानपान कल्चर का खास हिस्सा है। अच्छा खाने के साथ ही थोड़ा खाओ। राइस बाउल और फ्लेट्स भी बाकी जगहों की तुलना में छोटे होते हैं। जिसमें थोड़ा सा खाना भी बहुत ज्यादा नजर आता है और साथ ही ये चम्मच की जगह चॉपस्टिक्स का इस्तेमाल करते हैं।
पैदल चलने के अलावा साइकिलिंग भी यहां के लोग प्रिफर करते हैं जो दूसरी बहुत ही बेहतरीन एक्सरसाइज है। इससे कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ दुरुस्त रहने के साथ ही बॉडी भी स्लिम-ट्रीम रहती है। वॉक को आप एक्सरसाइज की सबसे बेसिक स्टेप कह सकते हैं जिस ओर हम उतना ध्यान नहीं देते या फिर जब बहुत ज्यादा वजन बढ़ जाता है तब इसकी शुरूआत करते हैं जबकि जापानी लोग शुरू से ही इस चीज़ को फॉलो करते हैं जिससे उनका वजन बढ़ता ही नहीं है।
समय पर खाना खाने की आदत से आप कुछ ही खाने से बचते हैं जो एक बहुत ही अच्छी आदत है। हेल्थ और फीगर को मेनटेन करने के लिए बैलेंस डाइट के साथ ही जरूरी है सही समय पर खाना। जापान में शायद ही पैदल चलते आपको कोई बर्गर और कोल्ड ड्रिंक पीता हुआ नजर आएगा। इसके अलावा खाने के समय टीवी देखना, काम करना और किसी भी दूसरे तरह के मूवमेंट भी नहीं किए जाते।