राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। लोकसभा चुनाव के पहले चार चरणों में औसतन 66.95 फीसदी मतदान हुआ है। अब तक 97 करोड़ में से 45.10 करोड़ वोटर्स ने मतदान किया है। चुनाव आयोग ने यह जानकारी गुरुवार 16 मई को दी।
आयोग के मुताबिक, 13 मई को हुए चौथे चरण के मतदान में 69.16 फीसदी वोटिंग हुई। यह 2019 के लोकसभा चुनावों में इसी (चौथे) चरण की तुलना में 3.65 फीसदी ज्यादा है। चुनाव के तीसरे चरण में 65.69 फीसदी मतदान हुआ, जबकि 2019 चुनाव के तीसरे चरण में 68.4 फीसदी मतदान हुआ था।
543 लोकसभा सीटों में चौथे फेज तक 380 सीटों पर मतदान हो गया है। 20 मई तक कुल 429 सीटों पर मतदान पूरा हो जाएगा। बाकी 2 चरणों में 114 सीटों पर मतदान होगा।
वोटर्स को सुविधाएं देने पर आयोग का फोकस
चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव के बाकी चरणों में फोकस मतदाताओं को जागरूक करने और सुविधाएं देने पर है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव ने कहा कि यह देखकर खुशी हो रही है कि बड़ी-बड़ी हस्तियां लोगों को मतदान करने के लिए जागरूक कर रही हैं। आयुक्त ने आने वाले चरणों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने और मतदान करने की अपील की है।
चुनाव आयोग ने फर्स्ट-सेकंड फेज का फाइनल वोटिंग डेटा जारी किया, विपक्ष का सवाल- इतनी देरी क्यों हुई?
चुनाव आयोग ने 30 अप्रैल को लोकसभा के पहले और दूसरे फेज की वोटिंग का फाइनल डेटा जारी किया था। पहले चरण में 66.14 प्रतिशत और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ। इस पर विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और CPM ने देरी से फाइनल डेटा आने पर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए। विपक्ष का कहना था कि आमतौर पर यह आंकड़ा मतदान के 24 घंटों के भीतर जारी कर दिया जाता है। लेकिन इस बार यह काफी देर से जारी हुआ है।
डेरेक ओ ब्रायन कहा- आंकड़े में लगभग 6 प्रतिशत का फर्क है
TMC नेता डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव आयोग के आंकड़ों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सेकेंड फेज के खत्म होने के चार दिन बाद फाइनल डेटा जारी किया। चुनाव आयोग द्वारा 4 दिन पहले जारी किए गए आंकड़े में 5.75% की बढ़ोतरी हुई है। क्या यह नॉर्मल है? या फिर कुछ मिस कर रहा हूं?