उप जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष तिवारी ने कहा, कोरोना गाइड लाइन का पालन बहुत जरूरी रहेगा। जो पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
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नामांकन व पोलिंग पार्टी की ट्रेनिंग की प्रक्रिया भी बदल दी गई है। कोरोना के कारण हर सीट पर 10 लाख से ज्यादा सरकारी खर्च भी बढ़ेगा। कोरोना संक्रमण के कारण जिले की तीन विधानसभा क्षेत्राें में हाेने वाले उपचुनाव में इस बार सब कुछ बदला-बदला नजर आएगा। न तो प्रत्याशी पहले की तरह प्रचार कर सकेंगे न वोटर वोट डाल पाएंगे।
दो वोटरों के बीच 6-6 फीट की दूरी जरूरी है। पहले एक पोलिंग पर 1400 वोटर रहते थे, अब इसे घटाकर 1000 कर दिया है। इसी कारण 285 नए पोलिंग बने हैं। छोटे पोलिंग सेंटर… तीनों विधानसभाओं में 1188 पोलिंग सेंटर हैं।
बुखार होने पर रोकेंगे… हर वोटर का पोलिंग सेंटर के दरवाजे पर तापमान देखा जाएगा। अधिक होने पर कुछ देर बैठाया जाएगा। यदि बुखार कम नहीं हुआ तो फिर सबसे आखिरी में उसे वोट डालने की सुविधा दी जाएगी।
वोटर को पहचान के वक्त भी मास्क नहीं उतारना होगा। रजिस्टर पर हस्ताक्षर व ईवीएम का बटन दबाते समय वोटर ग्लब्स पहनेंगे। मास्क और ग्लब्स फ्री मिलेंगे। मास्क पहने रहेंगे वोटर… बिना मास्क प्रवेश नहीं मिलेगा।
ऑनलाइन सारे फार्मेट उपलब्ध रहेंगे, इन्हें भरकर प्रिंट निकालकर सिर्फ जमा करना होगा। जमानत राशि भी ऑनलाइन भरी जा सकेगी। नामांकन व शपथपत्र… किसी भी पार्टी, प्रत्याशी को कलेक्टोरेट नहीं जाना होगा।