राष्ट्र आजकल/ प्रतिनिधि
प्रदेश के गांवों में पिछले कई महीनों से काम अटके हैं। वहीं, दिसंबर में हुए पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में CM शिवराज सिंह चौहान की घोषणाओं पर भी अमल नहीं हुआ है। पंचायतों में विकास कार्यों के लिए राशि जारी करने और घोषणाओं पर अमल करने का मुद्दा बुधवार को भोपाल में हुई सरपंच, उप सरपंच एवं पंच महासंघ की मीटिंग में उठा। मीटिंग में कुल 20 मुद्दों पर चर्चा की गई।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामप्रसाद चौधरी ने बताया कि ग्राम पंचायतों में आठ माह से कोई विकास कार्य नहीं किए गए हैं। सरपंचों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा जो घोषणाएं की गई थीं, उनमें से सिर्फ एक पर ही अमल हुआ है। हमारी मांगों को लेकर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। मनरेगा अंतर्गत जो निर्माण कार्य किए जाने उचित हैं, उन पर हमारे लिए परेशानियां खड़ी कर दी गईं। मोबाइल एप NMMS ने मुश्किलें खड़ी की हैं। मध्यप्रदेश की सभी 23 हजार पंचायतों में समस्या है।
मीटिंग में रणनीति तैयार की महासंघ की मीटिंग में आगामी रणनीति तैयार की गई। आगामी समय में सीएम समेत मंत्रियों को ज्ञापन भी सौंपे जाएंगे।

ये मांगें भीम नरेगा निर्माण कार्य में श्रमिकों का मानेदय 204 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए हो।
100 मजदूरी दिवस को बढ़ाकर 200 किया जाए।
6 दिसंबर को भोपाल के जंबूरी मैदान में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को तुरंत अमल में लाया जाए।
प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि बढ़ाई जाए।
छूटे नाम जोड़े जाए।15वां वित्त आयोग की राशि दो साल से ग्राम पंचायतों को नहीं दी जा रही है। वह राशि एकसाथ दी जाए। अतिरिक्त बजट भी दें।
60 वर्ष से अधिक आयु के सभी एपीएल परिवार के नागरिकों को भी ग्राम सभा के अनुमोदन पर वृद्धावस्था पेंशन का लाभ दिया जाए।
जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले पंचायत सचिवों का विभाग में संविलियन और सातवां वेतनमान का लाभ दिया जाए।
रोजगार सहायक का नियमितीकरण किया जाए एवं मानदेय बढ़ाया जाए।
ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक एवं सहायक सचिव के स्थानांतरण एक पंचायत से दूसरी पंचायत में किए जाने का प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।मध्यप्रदेश ग्राम स्वराज एवं पंचायती राज 1993-94 को पुन: पुर्ण रूप से लागू किया जाए।