राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। मौसम विभाग का दावा है कि 50 साल के इतिहास में पहली बार इतनी गर्मी पड़ेगी। मौसम में यह बदलाव ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हो रहा है। इससे दुनिया के साथ भारत का तापमान भी 1 डिग्री से ज्यादा बढ़ चुका है। मध्यप्रदेश में बारिश के बाद ठंड और गर्मी के मौसम में बदलाव के रूप में इसका असर देखने को मिल रहा है। यह बदलाव आने वाले समय में क्या असर दिखाएगा भोपाल, ग्वालियर, नर्मदापुरम और जबलपुर सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में दिन का अधिकतम तापमान समान्य से अधिक रहेगा। लू के दिनों की संख्या पिछले सालों से ज्यादा रह सकती है। इंदौर में लू के दिन सामान्य से अधिक रहेंगे। रात का न्यूनतम तापमान भोपाल और ग्वालियर सहित मध्य और उत्तरी हिस्सों में सामान्य रहने की संभावना है। इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर सहित दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है, यानी यहां पर रातें गर्म रहेंगी। अप्रैल में 45 डिग्री तक पहुंचेगा पारा, प्रमुख शहरों की बात की जाए तो ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, सागर, रीवा, नर्मदापुरम, भोपाल सभी शहरों और खासतौर पर भोपाल, रीवा, सागर और नर्मदापुरम में अप्रैल के अंत तक तापमान 45 डिग्री तक पहुंच सकता है। वहीं मई के अंत में तापमान 47 डिग्री तक जा सकता है। जबलपुर और इंदौर में भी इसी तरह की परिस्थितियां बनेंगी। प्रशांत महासागर की समुद्री सतह का तापमान लगातार सामान्य से ज्यादा बना हुआ है। ला-नीना की परिस्थितियां लगातार सक्रिय हैं। मार्च के अंत तक इसे खत्म होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अभी भी यह सक्रिय है। ऐसे में अप्रैल और मई में भी तापमान बढ़ेगा।