राष्ट्र आजकल/ न्यूज़ डेस्क
मध्य प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने लिया है बड़ा फैसला बड़ा फैसला लिया है। अब तक एक मतदान केन्द्र पर एक मतपेटी रखने का नियम है वर्तमान में हर मतदान केन्द्र पर मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने की संभावना को देखते हुए इन निर्देशों में बदलाव किया जा रहा है। अब पंचायत चुनाव में एक मतदान केन्द्र पर 500 तक वोटर होने पर एक बड़ी मतपेटी रखी जाएगी।एक पाेलिंग बूथ पर वोटर्स की संख्या 501 से 700 तक होने पर एक बड़ी और एक छोटी (कुल 2) मतपेटी रखवाई जाएगी। 700 से ज्यादा मतदाता होने पर 2 बड़ी मतपेटी दी जाएंगी। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने सभी कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिलों में उपलब्ध उपयोगी मतपेटियों की मतदान के चरणवार जरूरत के अनुसार आंकलन कर उपलब्ध मतपेटियों का अधिकतम सदुपयोग और प्रबंधन निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार करें। मालूम हो कि मप्र में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायतों के सभी पदों के चुनाव तीन चरणों में बैलेट पेपर और मतपेटी से कराए जा रहे हैं।
पंचायत चुनाव के अलग-अलग चरणों के लिए बड़ी और छोटी मतपेटियों की जरूरत का आंकलन मतदाताओं की संख्या के आधार पर किया जाएगा। हर चरण में शामिल विकासखण्डों में मतदाताओं की संख्या अनुसार निर्धारित मतदान केन्द्रों की संख्या को आधार मानकर चरणवार मतपेटियों की आवश्यकता परिगणित की जाएगी। प्रत्येक जिले में चरणवार आवश्यक मतपेटियों की संख्या की गणना करके तीनों चरणों में से किसी भी एक चरण में उपयोग होने वाली अधिकतम मतपेटियों की संख्या को जिले की न्यूनतम आवश्यकता मानकर वास्तविक आवश्यकता का आकलन किया जाएगा। किसी जिले के पास छोटी मतपेटियाँ न होने या कम होने की स्थिति में छोटी मतपेटी के स्थान पर बड़ी मतपेटी दी जाएगी। मतदान केन्द्र की आकस्मिक आवश्यकता को देखते हुए प्रत्येक जोनल व सेक्टर ऑफीसर्स को पर्याप्त संख्या में रिजर्व (छोटी,बडी़) मतपेटियाँ दी जाएंगी। इसके लिए जिले की आवश्यकत्ता का आंकलन करते समय न्यूनतम 10 प्रतिशत मतपेटियाँ रिजर्व रखी जाएंगी और सामग्री वितरण के दौरान जोनल व सेक्टर के अधिकारियों को दी जाएंगी।
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने निर्देश दिए हैं कि मतदान और मतगणना कराने वाले पीठासीन अधिकारियों और मतदान दल अधिकारी, कर्मचारियों को प्रशिक्षण में पूरी प्रक्रिया की जानकारी देने और उनकी हर शंका का समाधान करने के निर्देश दिए हैं। पंचायत चुनाव में मतदान केन्द्र पर होने वाली मतगणना के दौरान छोटी-छोटी बातों पर विवाद की स्थिति बनती है। ऐसे में मतदान दल के सदस्यों का कांसेप्ट पूरी तरह से क्लियर रहना चाहिए। इससे वे मौके पर प्रत्याशियों और पोलिंग एजेंट की शंकाओं का समाधान कर सकेंगे।